YES Bank Crisis: लखनऊ की शाखाओं में ग्राहकों को 'नो', रुपये निकासी को लेकर नोकझोंक
YES Bank Crisis लखनऊ की YES Bank की शाखाओं में सुबह से ही ग्राहकों की उमड़ी भीड़। शाखाओं में दिन भर अफरातफरी का माहौल रहा।
लखनऊ, जेएनएन। YES Bank Crisis: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कार्रवाई का असर शुक्रवार को राजधानी स्थित YES Bank की शाखाओं में देखने को मिला। सुबह से ही शहर के रानी लक्ष्मी बाई मार्ग, तुलसी थियेटर स्थित बैंक शाखा, गोमती नगर, हीवेट रोड, कैंट रोड समेत अन्य पांच शाखाओं पर बड़ी संख्या में बैंक ग्राहक निर्धारित पचास हजार रुपये की निकासी के लिए पहुंचे। ग्राहकों की उमड़ी भीड़ से बैंक शाखाओं में दिन भर अफरातफरी का माहौल रहा। इस दौरान कई बार बैंक कर्मियों की ग्राहकों से नोकझोंक की भी स्थिति देखने को मिली।
सुबह से ही नकदी की रही किल्लत
शुक्रवार सुबह से ही बड़ी संख्या में भुगतान के लिए ग्राहकों के आने का सिलसिला लगा रहा। इस कारण कुछ घंटे में ही कैश खत्म हो गया। इसके चलते बैंककर्मी नकद के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक भटकते रहा। रानी लक्ष्मी बाई मार्ग स्थित बैंक शाखा प्रमुख अनुराग अवस्थी आरबीआइ पर ठीकरा फोड़ते नजर आए।
ग्राहक भागते हुए पहुंचे बैंक
- ग्राहक राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध की जानकारी सुबह होने पर मैं भागकर सीधे बैंक पहुंचा। बताया गया कि अधिकतम 50 हजार रुपये तक ही निकाला जा सकता है। दोपहर के एक बज चुके हैं, तीन घंटे में भुगतान के लिए कहा गया है।
- प्रभा के मुताबिक, हमने यह सोच कर बैंक में खाता नहीं खुलवाया था कि यह दिन देखना पड़ेगा। जैसे ही जानकारी हुई 50 हजार दूसरे खाते में ट्रांसफर कराने के लिए बैंक में दिया है।
- शशिकांत यादव का कहना है कि मैं मर्चेंट नेवी में हूं। छुट्टी पर आया था। कल मालूम चला, बैंक के कारण हम ग्राहकों को परेशानी पठानी पड़ रही।
- संजय जायसवाल बताते हैं कि सरकारी ठेकेदार हूं। दो दिन बाद त्योहार है। 147 कामगार पैसा लेने के लिए पीछे पड़े हैं। साढ़े तीन लाख रुपये की सख्त जरूरत है। सुबह से दोपहर हो गई, अभी तक भुगतान नहीं हुआ।
- ग्राहक कृष्ण कुमार जायसवाल बताते हैं कि भाई को हार्ट अटैक आने पर मेदांता में भर्ती कराना पड़ा, उनके इलाज के लिए चार मार्च को चेक लगाया था, मगर बैंक ने क्लियर नहीं की। रिश्तेदारों से पैसा मांगकर इलाज कराना पड़ा।
- अमित श्रीवास्तव के मुताबिक, कल मेरे भाई की सगाई है। अमेठी जाना है, मगर पैसों के लिए सुबह से ही बैंक में बीता जा रहा है।
- अभय मिश्रा ने बताया कि बीएस 6 मॉडल की डीसीएम लेने थी। बैंक को प्रोजक्ट रिपोर्ट भी तैयार कर दे दिया था। आज निकलवाना था, मगर यह समस्या आ गई। अब मुझे इसके लिए ढाई से तीन लाख रुपये अधिक चुकानी पड़ेगी। जो सीधा सीधा नुकसान है।
तो इसलिए ग्राहकों में पैनिक
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को आरबीआइ ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं के लिए एक महीने में 50,000 रुपये की निकासी की सीमा भी तय कर दी थी। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यस बैंक के मामले में कहा कि मैं सभी जमाकर्ताओं को आश्वस्त करना चाहती हूं कि उनका पैसा सुरक्षित है। मैं लगातार रिज़र्व बैंक के संपर्क में हूं। जो कदम उठाए गए हैं, वे जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था के हित में हैं। आरबीआइ गवर्नर ने मुझे आश्वस्त किया है कि मामले का जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा। आरबीआइ और भारत सरकार दोनों ही इस संबंध में काम कर रहे हैं। मैं निजी तौर पर आरबीआइ के साथ कुछ महीनों से इस समस्या पर नजर रख रही हूं और हमने वे कदम उठाए हैं, जो सभी के हित में हैं।