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केजीएमयू में येलोफीवर वैक्सीनेशन बंद, अफ्रीकी देशों की यात्रा फंसी Lucknow News

केजीएमयू में ठप हुआ येलो फीवर वैक्सीनेशन विभिन्न प्रदेशों के लोगों ने किया हंगामा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 10:07 AM (IST)
केजीएमयू में येलोफीवर वैक्सीनेशन बंद, अफ्रीकी देशों की यात्रा फंसी Lucknow News
केजीएमयू में येलोफीवर वैक्सीनेशन बंद, अफ्रीकी देशों की यात्रा फंसी Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में यलोफीवर का वैक्सीनेशन बंद हो गया है। कारण, वैक्सीन की आपूर्ति ठप होना है। ऐसे में कई लोगों की अफ्रीकी देशों की यात्रा फंस गई। सोमवार को विभिन्न प्रदेशों से वैक्सीन लगवाने आए लोगों ने हंगामा किया। 

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दरअसल, अफ्रीकी देशों में यात्रा से पहले यलो फीवर का वैक्सीनेशन अनिवार्य होता है। इसके लिए देश में केजीएमयू समेत 44 सेंटर बनाए गए हैं। वहीं केजीएमयू को यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, नेपाल का नोडल सेंटर नामित किया गया। यहां सोमवार व गुरुवार को यलोफीवर का वैक्सीनेशन किया जाता है। एक दिवस में 50 के करीब यात्रियों का वैक्सीनेशन किया जाता है। गत गुरुवार को वैक्सीनेशन का स्टॉक खत्म हो गया। ऐसे में कई बार वैक्सीन की डिमांड भेजी गई। मगर, आपूर्ति नहीं हो सकी। लिहाजा, सोमवार को दूर-दराज से पहुंचे लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो सका। लिहाजा, कई यात्रियों की विदेशी यात्रा फंस गई। इस दौरान उन्होंने हंगामा किया।

यहां यात्रा से पहले वैक्सीन जरूरी-

नाइजीरिया, ईजिप्ट, साउथ अफ्रीका, अल्जीरिया, केन्या, इथयोपिया, ट्यूनीशिया, घाना, सूडान, लीबिया, युगांडा समेत आदि अफ्रीकी देशों की यात्रा से पहले संबंधित सेंटरों पर यलो फीवर का वैक्सीन लगवाना जरूरी है। सेंटर से जारी वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाने पर ही आपको इन देशों की यात्रा करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। एयर पोर्ट पर यह चेक किया जाता है। 

क्या है 'यलो फीवर

'यलो फीवरÓ (पीत ज्वर) की समस्या कर्क व मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीकी देशों में पाई जाती है। 'यलो फीवरÓ इन देशों में संक्रामक रोग माना जाता है, जो तीव्र गति से लोगों में फैलता है। इस रोग का कारण एक सूक्ष्म विषाणु है, जो कि इडीस इजिप्टिआइ मच्छर के काटने से होता है। इससे बचने के लिए सरकार ने इन देशों की यात्रा से पहले वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है।

-क्या कहते जिम्मेदार

यलो वैक्सीनेशन सेंटर के प्रभारी डॉ. जमाल मसूद के मुताबिक वैक्सीन रूस में बनती है। यह डब्ल्यूएचओ के माध्यम से केंद्र सरकार को मिलती है। यहां से सेंटरों पर आपूर्ति की जाती है, मगर अभी 10 से 15 दिन वैक्सीन आने की संभावना नहीं है। लिहाजा, यात्री 9451954436 पर जानकारी लेकर ही आएं। 


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