विहिप नेता अरुण माहौर की शोकसभा में गंदी राजनीति : प्राची
विहिप नेता अरुण माहौर की हत्या से हिंदू समाज में गम और गुस्सा है, परंतु राजनीति की रोटियां भाजपा सेक रही है। भाजपाइयों ने रविवार को साध्वी प्राची का हर कदम पर अपमान किया। शोकसभा मंच पर उन्हें स्थान न दिया।
लखनऊ। विहिप नेता अरुण माहौर की हत्या से हिंदू समाज में गम और गुस्सा है, परंतु राजनीति की रोटियां भाजपा सेक रही है। भाजपाइयों ने रविवार को साध्वी प्राची का हर कदम पर अपमान किया। शोकसभा मंच पर उन्हें स्थान न दिया। पानी की न पूछी। यह राजनीतिक चालें चलती देखीं, तो युवाओं ने हंगामा किया। इसके बाद उन्हें मंच पर जगह मिली। साध्वी इससे बहुत नाराज हैं। उन्होंने कहा कि मेरे साथ गंदी राजनीति हुई है। मंत्री रामशंकर कठेरिया ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। वह इसकी शिकायत नेतृत्व से करेंगी।
आगरा के मंटोला में विहिप के महानगर उपाध्यक्ष अरुण माहौर की हत्या के बाद भाजपा और हिंदूवादी संगठन आंदोलन चला रहे हैं। आज साध्वी प्राची आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर तीन स्थित अरुण के आवास पर पहुंचीं। पूर्व मेयर अंजुला माहौर परिवार और मीडिया से बातचीत के दौरान साध्वी के साथ रहीं, लेकिन साध्वी के पुलिस के विरोध के बावजूद शोकसभा में जाने का एलान करने पर वह अपनी गाड़ी से निकल गईं। विहिप पदाधिकारियों ने भी इस बीच साध्वी के दौरे से पल्ला झाड़ लिया। विहिप ने कहा कि साध्वी व्यक्तिगत रूप से आई हैं। संगठन ने उन्हें नहीं बुलाया।
इस बीच साध्वी पुलिस को चकमा देकर शोकसभा स्थल जयपुर हाउस में पहुंचीं तो उन्हें किसी ने वहां तवज्जो नहीं दी। केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया, सांसद बाबूलाल और अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री विहिप सुरेंद्र जैन और आरएसएस के प्रांत संपर्क प्रमुख अशोक कुलश्रेष्ठ और अरुण माहौर के पिता रमेश चंद्र मंच पर पड़ी कुर्सियों पर बैठा दिए गए। साध्वी करीब डेढ़ घंटे तक मंच के बाईं ओर पड़ी कुर्सी पर भीड़ के बीच अकेली सी बैठी रहीं। कार्यक्रम समाप्ति की ओर पहुंच गया, लेकिन साध्वी का उद्बोधन न होने से वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो गए। गुस्साएं युवा साध्वी को लेकर मंच पर पहुंच गए। साध्वी मंच पर बैठीं तो भाजपा नेता असहज हो गए। बोलने का मौका नहीं देते देखकर भीड़ ने फिर शोर कर दिया। यह देखकर साध्वी को बोलने का मौका देना पड़ा। मगर, इतना सब होने के बाद साध्वी ने थोड़ी देर बोलकर अपनी बात खत्म कर ली। साध्वी प्राची ने जागरण से फोन पर कहा कि शोकसभा में मेरे साथ गंदी राजनीति हुई है। मैं विषम परिस्थिति में यहां पहुंची। इसके बाद भी बहुत अपमान किया गया।