World Hindi Day: रूस में भारतीयता की अलख जगा रहे डा.रामेश्वर, रूसी कलाकारों संग लखनऊ में किया रामलीला का मंचन
अयोध्या शोध संस्थान की ओर से उन्हें दीपोत्सव 2018 के दौरान सम्मानित किया गया है। डॉ रामेश्वर कहते हैं कि रूस और भारत की वर्षों पुरानी दोस्ती में दोनों देशों की सभ्यता का भी आदान प्रदान भाषा के माध्यम से हो रहा है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। रूस में भारतीयता की अलख जगाने वाले डा.रामेश्वर सिंह रूस में हिंदी की बिंदी को कायम रखे हुए हैं। त्रैमासिक पत्रिका दिशा के माध्यम से हिंदी का प्रचार कर रहे डाॅॅ.रामेश्वर सिंंह राजधानी में रूसी कलाकारों के साथ आकर श्रीराम लीला का मंचन भी कर चुके हैं। जौनपुर के मूल निवासी रूस में हिंदी साहित्य साधना में जुटे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विवि से स्नातक करने के बाद 1982 में रूस चले गए। मास्को के राज्य विवि में दर्शनशास्त्र के निदेशक बने और फिर वहीं पर हिंदी के विस्तार में जुट गए। त्रैमासिक हिंदी पत्रिका दिशा को प्रकाशित कर विदेश में हिंदी साहित्य को बढ़ावा दे रहे हैं। हिंदी और हिंदुस्तान की मिट्टी के प्रचार प्रसार के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में उन्हें 'उत्तर प्रदेश अप्रवासी भारतीय रत्न' के सम्मान से नवाजा।
अयोध्या शोध संस्थान की ओर से उन्हें दीपोत्सव 2018 के दौरान सम्मानित किया गया है। डॉ रामेश्वर कहते हैं कि रूस और भारत की वर्षों पुरानी दोस्ती में दोनों देशों की सभ्यता का भी आदान प्रदान भाषा के माध्यम से हो रहा है। विश्व हिंदी संगठन की ओर से 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 'हिंदी : वैश्विक पारस्परिकता की सेतु' विषय पर एक दिवसीय अंंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी का आयोजन दोपहर तीन बजे से किया जा रहा है। डाॅॅ.रामेश्वर इसमे बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। उनका कहना है कि विदेशों में हिंदी के माध्यम के माध्यम से भारतीय संस्कृति से भी रूबरू कराया जा रहा है।
ये भी होंगे शामिल
10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस पर होगी अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी में रूसी- भारतीय मैत्री संघ की उपाध्यक्ष नादेज्दा सिंह के अलावा डाॅॅ. सुशीला व्यास, डाॅॅ. बबिता काजल, डाॅॅ. पूनम श्रीवास्तव, डॉ. विष्णु राठौर, डाॅॅ. सुनील तिवारी व डाॅॅ. श्रीकलासहित कई वक्ता शामिल होंगे।