अगर आपके दांत हिलने लगे हों तो हो जाइए सतर्क
वर्ल्ड डायबिटीज डे आज : आपके दांत भी हिला रही डायबिटीज। केजीएमयू में हुए रिसर्च में दस प्रतिशत लोगों में पैरोओडनटाइटिस पाई गई।
लखनऊ, (जेएनएन)। अगर आपके दांत हिलने लगे तो आप सतर्क हो जाइए। ये डायबिटीज के कारण होने वाली बीमारी पैरोओडनटाइटिस है, जिसमें मसूड़े की नसें सिकुड़ जाने के चलते दांतों से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग द्वारा किए गए रिसर्च में सामने आया है कि दांत का इलाज करवाने आ रहे 100 में से 10 मरीजों को यह रोग पाया जा रहा है।
केजीएमयू के डॉक्टर डी. हिमांशु ने बताया कि डायबिटीज से बचाव व इसके नियंत्रण के लिए नियमित तौर पर टहलना चाहिए। साथ ही खाली पेट यानी फास्टिंग 126 से नीचे और भोजन के बाद पीपी 200 के नीचे होनी चाहिए। वहीं, केजीएमयू के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मधुकर मित्तल कहते हैं कि फास्ट फूड खाने से पेट में अच्छे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जिससे शुगर लेवल बढ़ जाता है। ऐसे में खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
16 प्रतिशत लोग डायबिटीज से पीड़ित
डॉक्टर डी. हिमांशु ने बताया कि वर्ष 1980 में देश में मात्र एक प्रतिशत लोगों को डायबिटीज थी, जबकि वर्तमान में 16 प्रतिशत आबादी इससे पीड़ित है। उन्होंने बताया कि इस बार डायबिटीज डे का थीम परिवार व डायबिटीज है।
माता-पिता को डायबिटीज तो आपमें 70 प्रतिशत होने की उम्मीद
केजीएमयू में वल्र्ड डायबिटीज डे की पूर्व संध्या पर डायबिटीज चेकअप कैंप व जागरूकता कैंप लगाया गया। इसमें डॉ. डी हिमांशु ने 150 लोगों की शुगर जांच की। उन्होंने कैंप में बताया कि अगर आपके माता-पिता को डायबिटीज है तो ये बीमारी आपको होने के 70 प्रतिशत चांस है। इससे बचाव के लिए नियमित व्यायाम व खानपान पर विशेष ध्यान दें। आयोजन में मेडिसिन विभाग में डायबिटीज क्लीनिक खोलने वाले सेवानिवृत्त प्रो. सीजी अग्रवाल को सम्मानित किया गया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विष्णु गुप्ता को पहला, मोहम्मद अंसारी को दूसरा व पुष्पा वर्मा को तीसरा पुरस्कार मिला।
खान-पान पर नियंत्रण कर डायबिटीज से बचें
हिदा फाउंडेशन द्वारा चौक में स्थित रूमी गेट पर डायबिटीज डे की पूर्व संध्या पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें महापौर संयुक्ता भाटिया ने बटन दबाकर रूमी गेट को नीले रंग की रोशनी से रोशन किया।
स्मार्ट इंसुलिन देगी सुई के दर्द से राहत
केजीएमयू के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मधुकर मित्तल ने बताया कि डायबिटीज की रोकथाम के लिए इन दिनों स्मार्ट इंसुलिन पर शोध चल रहा है, जिसमें मरीज के स्किन पर एक पैच चिपका दिया जाएगा। जो शुगर लेवल को चेक करने के साथ जरूरत पड़ने पर इंसुलिन रिलीज भी करेगा। इससे मरीज को इंसुलिन लगाने में सुई के दर्द से राहत मिलेगी।
36 जिलों में होगा जेस्टेशनल डायबिटीज का प्रबंधन
गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की पहचान और प्रबंधन की व्यवस्था अब प्रदेश के 36 जिलों में होगी। जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (जीडीएम) की जांच की सुविधा अब तक प्रत्येक मंडल में मुख्यालय जिले के अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्र में थी लेकिन, अब प्रत्येक मंडल में और एक-एक जिले में यह सुविधा उपलब्ध होगी। कौशांबी, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, कुशीनगर, इटावा, चित्रकूट, बुलंदशहर, संभल, मुजफ्फरनगर, चंदौली, फीरोजाबाद, कासगंज, मऊ, सुलतानपुर, सोनभद्र, जालौन व रायबरेली में भी सीएचसी-पीएचसी और जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की पहचान व प्रबंधन के उपाय किए जा रहे हैं।