विश्व एड्स दिवस : एचआइवी का वायरस याददाश्त को भी प्रभावित करता है
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में शोध, एचआइवी पीडि़तों में मिल रही डिमेंशिया की शिकायतें।
लखनऊ [राफिया नाज] । एचआइवी पीडि़तों में न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, बल्कि उनकी याददाश्त भी कमजोर होने लगती है। यह तथ्य केजीएमयू में भर्ती एचआइवी पॉजिटिव लोगों पर अध्ययन में पता चला। संस्थान के मेडिसिन विभाग की ओर से किए गए शोध में पता चला है कि वायरस का असर दिमाग पर भी होता है। इसकी वजह से पीडि़तों को डिमेंशिया (भूलने) की शिकायत होने लगती है।
50 से 70 फीसद में डिमेंशिया की शिकायत
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में 'प्रीवेलेंस ऑफ एचआइवी एसोसिएट डिमेंशिया' विषय पर 2016-17 में शोध किया गया। भर्ती एचआइवी पॉजिटिव मरीजों पर किए गए अध्ययन से पता चला कि 50 से 70 फीसद पीडि़त डिमेंशिया के शिकार हो रहे हैं।
कम उम्र में हो रही डिमेंशिया
डिमेंशिया एक मानसिक रोग है, जिसमें याददाश्त में कमी आने लगती है। हालांकि, यह बीमारी वृद्धावस्था में होती है, जो 65 या 70 वर्ष से ऊपर के होते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि डिमेंशिया एचआइवी पॉजिटिव मरीजों में महज 45 से 50 वर्ष की आयु में ही देखी जा रही है।
सीवियर डिमेंशिया के मरीज कम
रिसर्च में शामिल डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि इस वायरस से प्रभावित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता का तो क्षीण हो जाती है। साथ में वायरस मस्तिष्क पर भी असर करता है। इसकी वजह से पीडि़त की याददाश्त में कमी, भूलने की बीमारी आदि समस्याएं होने लगती हैं। इस वजह से उन्हें रोजमर्रा के काम करने में दिक्कतें आने लगती हैं। हालांकि, सीवियर डिमेंशिया एचआइवी पॉजिटिव केवल 15 से 20 फीसद लोगों में ही होता है। रिसर्च में डॉ. सचिन भी शामिल रहे।