इस्लामी शरीअत की हिफाजत के लिए तैयार रहे मुस्लिम महिलाएं
बोर्ड महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा शरीअत से ही होगी महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा।
लखनऊ, जेएनएन। इस्लामी शरीअत से ही महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा होगी। इस्लामी शरीअत कयामत तक बाकी रहेगी। शरीअत के आदेश इंसान के जीवन के हर पहले की रहनुमाई करते हैं। यह बातें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना सैयद मुहम्मद वली रहमानी ने कही। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से इस्लामी शरीअत की हिफाजत के लिए हर समय तैयार रहने की अपील की।
वह शनिवार को पर्सनल लॉ बोर्ड की वीमेंस विंग की ओर से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। फैजुल्लागंज स्थित जामिया मैमूना लिलबनात में आयोजित तहफ्फुज-ए-शरीअत व इस्लाह-ए-मुआशरा वर्कशॉप की अध्यक्षता कर रहे मौलाना रहमानी ने कहा कि मौजूदा दौर के फितनों से खौफ न खाएं। इस्लामी शरीअत ने महिलाओं को खानदान की मलका बनाया है, कुरआन शरीफ में महिलाओं के लिए एक आयत है। इसके बाद खालिदा खालिद ने बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सैयद मुहम्मद राबे हसनी नदवी का पैगाम सुनाया।
प्रवक्ता एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पैगाम, मकसद और फैसलों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए ही वीमेंस विंग बनाई गई है। बोर्ड सदस्य व ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि महिलाएं इस्लामी शरीअत की रौशनी में समाज में फैल रहीं गलत विचारधारा को दूर करने का प्रयास करें। इस मौके पर मौलाना नजरुल हफीज अजहरी नदवी व मौलाना उमरैन महफूज रहमानी सहित कई उलमा शामिल रहे।