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मानदेय न मिलने पर होम्‍यो रेजीडेंट्स का कार्य बहिष्‍कार-प्रदर्शन, मरीज हुए बेहाल Lucknow News

लखनऊ और इलाहाबाद होम्‍योपैथिक मेडिकल कॉलेज में एमडी छात्र को नहीं मिला भत्‍ता। हड़ताल पर गए होम्‍यो रेजीडेंट्स।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 04:37 PM (IST)
मानदेय न मिलने पर होम्‍यो  रेजीडेंट्स का कार्य बहिष्‍कार-प्रदर्शन, मरीज हुए बेहाल Lucknow News
मानदेय न मिलने पर होम्‍यो रेजीडेंट्स का कार्य बहिष्‍कार-प्रदर्शन, मरीज हुए बेहाल Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज के जूनियर रेजीडेंट्स डॉक्‍टरों ने सोमवार को काम ठप कर दिया। 10 माह तक मानदेय न मिलने की वजह से एमडी छात्रों में लंबे समय से आक्रोश था। इलाहाबाद से लेकर लखनऊ के रेजीडेंट डॉक्‍टरों ने इकठ्ठा होकर हनीमैन चौराहे तक सरकार के विरूद्ध जमकर प्रदर्शन किया। काम ठप होने की वजह से ओपीडी में मरीजों को भी खासा परेशानी हुई। 

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बता दें कि नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज में 18 एमडी के छात्र व प्रयागराज में 10 एमडी छात्र हैं। इन रेजीडेंट डॉक्‍टरों को 62000 रुपये भत्‍ता प्रतिमाह मिलता है जो कि गत 10 महीने से नहीं मिला। ऐसे में सोमवार से सभी ने कार्य बहिष्कार कर दिया। वहीं इनके साथ 40 इंटर्न ने भी काम ठप कर दिया। उन्होंने 7500 के बजाए 15 हजार रुपये मानदेय की मांग की। जूनियर डॉक्टरों ने सुबह साढ़े आठ बजे से प्रदर्शन ओपीडी में शुरू किया। इस दौरान चार बजे हैनीमेन चौराहे तक मार्च निकाला। वहीं इंटर्न व रेजीडेंट लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

यह है मांग 

छात्रों ने बताया कि प्रदेश में पहली बार होम्‍योपैथी में एमडी की सीट आई थी। एक दिसंबर 2018 से हम लोगों ने यहां एडमिशन लिया। इसके बाद हमारी 12 घंटे ड्यूटी, सुबह आठ से शाम आठ तक ड्यूटी, रात्रीकालीन ड्यूटी, ओपीडी, आइपीडी मरीज देख रहे हैं। इसके बाद भी हमें ज्‍वाइनिंग के बाद से गत 10 महीने से कोई भी भत्‍ता नहीं दिया गया। डॉक्‍टरों ने बताया कि 10 पीजीटी इलाबाद में और 18 लखनऊ में हैं। गत वर्ष 2018 में हमारी ज्‍वाइनिंग हुई थी। कोटा और कोलकाता में भी पीजीटी की ज्‍वाइनिंग हुई थी वहां सभी को भत्‍ते मिल रहे हैं, लेकिन यहां की सरकार ने अभी तक हमें मानदेय नहीं दिया। 

मिले झूठे आश्‍वासन 

इसके लिए डायरेक्‍टर वीके नवल से, आयुष मंत्री धर्म‍ सिंह सैनी, मुख्‍य सचिव और प्रमुख सचिव से भी बात हुई। प्राचार्य को एप्‍लीकेशन दी है कि हमारा जब हमें लिखित आश्‍वासन नहीं मिला है कि कब तक हमारा भत्‍ता हमारे अकाउंट में आएगा तब तक हम स्‍ट्राइक करेंगे। वेतन के लिए हमने आयुष मंत्रालय, सचिवालय, सीएम आवास में भीजाकर गुहार लगाई। हमें केवल झूठे आश्‍वासन मिले। फाइनेंस डिपार्टमेंट से हमे कॉल आई कि हमें मिठाई खिलाए तब हम आपको भत्‍ता नहीं देंगे। पिछले 10 महीने से हमें कोई भी भत्‍ता नहीं मिला है। उसके बदले 12 से 24 घंटे तक कार्य करते हैं।

यह है मांग 

रेजीडेंट डॉक्‍टरों का पद नियुक्‍त किया,  भत्‍ता तय किया जाए,  हर महीने समय पर भत्‍ता आए, कॉलेज में यूनिर्सिटी से एफीलिएशन किया जाए, पीजी हॉस्‍टल की व्‍यवस्‍था की जाए। भत्‍ता कब तक आएगा इसके लिए लिखित में हमें समय बताया जाए, जब तक लिखित आश्‍वासन नहीं मिलेगा हमारा कार्य बहिष्‍कार और प्रदर्शन जारी रहेगा।   


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