सिर और धड़ अलग-अलग महिला के थे, तीन साल बाद आई रिपोर्ट में हुआ खुलासा
करीब तीन साल पहले मडिय़ांव में मिले थे दो महिलाओं के धड़, जबकि सीतापुर में एक महिला सिर बरामद हुआ था। और उलझ गई हत्या की गुत्थी। फिर से होगी जांच।
लखनऊ, जागरण संवाददाता : मडिय़ांव थाना क्षेत्र में चार दिसंबर 2015 को धड़ और सीतापुर में महिलाओं के सिर मिलने की घटना में करीब तीन साल होने को हैं, लेकिन विवेचना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी। पूरा दारोमदार डीएनए रिपोर्ट पर टिका था। लंबे इंतजार के बाद आई डीएनए रिपोर्ट में सिर और धड़ का आपस में मिलान नहीं हो पाया, जिससे गुत्थी और उलझ गई है। अब क्राइम ब्रांच इस केस की नए सिरे से जांच कर शिनाख्त का प्रयास करेगी।
इस बीच तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत आठ विवेचक बदल गए। विवेचना मडिय़ांव थाने से क्राइम ब्रांच पहुंच गई। गुत्थी सुलझना तो दूर अब तक सिर और धड़ की शिनाख्त तक नहीं हो सकी है। घटना के बाद से मडिय़ांव में तैनात रह चुके पांच थानेदार और क्राइम ब्रांच के दो इंस्पेक्टर इस केस की गुत्थी को अब तक नहीं सुलझा सके। विवेचना के दौरान अब तक 83 पर्चे काटे गए। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी), जिला क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) से भी संपर्क किया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। केस न सुलझने पर पिछले वर्ष में तत्कालीन इंस्पेक्टर मडिय़ांव राघवन कुमार सिंह ने एसएसपी को पत्र लिखकर इस केस की जांच किसी बड़ी संस्था से कराने का अनुरोध किया था। तत्कालीन एसएसपी दीपक कुमार ने संबंधित मामले को चार सितंबर 2017 को क्राइम ब्रांच स्थानांतरित कर दिया था।
यह था मामला
चार दिसंबर 2015 को आइआइएम रोड स्थित सहारा सिटी होम्स की दीवार के किनारे दो महिलाओं के धड़ बोरों में मिले थे। वहीं दो सिर सीतापुर स्थित मानपुर थाना क्षेत्र स्थित एक पुलिया के नीचे मिले थे।
ये रहे हैं केस के विवेचक
घटना के बाद मडिय़ांव थाने में तैनात रहे इंस्पेक्टर संतोष कुमार तिवारी, अजय प्रकाश त्रिपाठी, नागेश कुमार मिश्रा, अंजनी कुमार पांडेय, राघवन कुमार सिंह संबंधित केस की विवेचना कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त क्राइम ब्रांच से इंस्पेक्टर विमलेश कुमार तिवारी, अतुल तिवारी के बाद अब अवधेश कुमार पांडेय विवेचना कर रहे हैं।
एएसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि अभी सिर और धड़ की शिनाख्त नहीं हो सकी है, डीएनए रिपोर्ट में सिर और धड़ का मिलान नहीं हो सका है। केस और पेचीदा हो गया है, जिससे नए सिरे से जांच की जा रही है।