UP News: महिलाओं व बच्चों के अपराध रोकेगा महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, प्रत्येक जिले में गठित होगी इकाई
यूपी सरकार ने पहले से चल रही महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित विभिन्न शाखाओं जैसे महिला सहायता प्रकोष्ठ महिला अपराध शाखा एवं बाल कल्याण को एक जगह एकत्रित कर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जनपदीय इकाई बनाने का निर्णय लिया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों के उत्पीड़न रोकने तथा उनके विरुद्ध हो रहे अपराधों को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक जिले में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जनपद इकाई गठित करने का निर्णय लिया है। कमिश्नरेट एवं जिलों में कार्यरत महिलाओं से संबंधित पुलिस की विभिन्न इकाइयों को संयोजित कर यह नई इकाई बनाई जा रही है। यह इकाई अपने जिले में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की प्रतिनिधि इकाई के रूप में कार्य करेगी।
यूपी सरकार ने पहले से चल रही महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित विभिन्न शाखाओं जैसे महिला सहायता प्रकोष्ठ, महिला अपराध शाखा एवं बाल कल्याण (सीएडब्लू) को एक जगह एकत्रित कर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जनपदीय इकाई बनाने का निर्णय लिया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि जनपदीय महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के तहत संबंधित जिले का महिला थाना एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) भी कार्य करेगा। इसकी निगरानी का कार्य जनपदीय पुलिस प्रभारी द्वारा किया जाएगा।
राज्य मुख्यालय पर इस इकाई के कार्यों की निगरानी पहले से गठित महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा की जाएगी। जनपदीय महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन जिले में महिला एवं बाल अपराधों पर हुई कार्रवाई की निगरानी करेगा तथा उनका डाटा बेस भी तैयार करने में सहयोग देगा।
इसके द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, आइजीआरएस, महिला हेल्प डेस्क, लोक शिकायत, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090), सीएम हेल्प लाइन, यूपी 112 आदि से प्राप्त महिला उत्पीडऩ संबंधी शिकायतों का प्रभावी निस्तारण किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि विभागों द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को सफल बनाने के लिए भी यह संगठन काम करेगा।
जनपदीय इकाई में बनेंगे चार अनुभाग : प्रत्येक जिले के महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में चार अनुभाग बनाए जाएंगे। यह अनुभाग महिला संबंधी अपराध की निगरानी अनुभाग (महिला हेल्प डेस्क), महिला सहायता प्रकोष्ठ अनुभाग (परामर्श केंद्र), महिला सम्मान कोष अनुभाग (आर्थिक सहायता) व महिला आयोग एवं महिला बाल सुरक्षा संगठन अनुभाग होंगे। इन सभी इकाइयों का प्रभार कमिश्नरेट/जनपद के पुलिस उपाधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक अपराध स्तर के अधिकारियों के पास होगा। कमिश्नरेट/जनपद स्तर पर पर्यवेक्षण अधिकारी डीसीपी/अपर पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी होंगे। प्रत्येक अनुभाग में एक-एक निरीक्षक/उपनिरीक्षक एवं इनके सहयोग के लिए एक-एक मुख्य आरक्षी एवं तीन तीन आरक्षी तैनात होंगे। इसमें कुल पुलिस बल का कम से कम 50 प्रतिशत महिला अधिकारी/कर्मचारी होंगे।
पारिवारिक मामले महिला प्रकोष्ठ में जाएंगे सुलझाए : महिला सहायता प्रकोष्ठ के अंतर्गत ऐसी घटनाएं जिनमें पारिवारिक/वैवाहिक संबंधों से जुड़े मामलों में महिला सहायता प्रकोष्ठ के कर्मचारी एवं संवेदनशील व प्रशिक्षित काउंसलरों के माध्यम से दोनों पक्षों के मध्य वार्ता कर सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं, महिला सम्मान कोष के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता की निगरानी की जाएगी। महिला आयोग प्रकोष्ठ के अंतर्गत राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग एवं अन्य आयोग, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन लखनऊ से प्राप्त प्रार्थना पत्रों की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
ये होंगे कार्य
- महिलाओं के अधिकारों का व्यापक प्रचार प्रसार करना
- विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों तथा महिलाओं के लिए कार्य करने वाले बाल संगठनों से समन्वय करना
- प्रताड़ित महिलाओं को तत्परता से उचित सहायता उपलब्ध कराना
- महिला एवं बाल उत्पीडऩ की रोकथाम के लिए सामाजिक चेतना विकसित करना
- जनपद स्तर पर चिकित्सीय, न्यायिक, मनोवैज्ञानिक परामर्शी सेवाएं उपलब्ध कराना