ससुराल के बाहर धरने पर बैठी बहू, सास-ससुर पर प्रताड़ना का आरोप
पीजीआइ थाना क्षेत्र अंतर्गत साउथ सिटी का मामला। ससुराल के बाहर धरने पर बैठी बहू। एक साल से मायके में रह रही थी महिला।
लखनऊ(जेएनएन)। राजधानी में बुधवार को एक महिला ससुराल की दहलीज पर धरने पर बैठी है। तपती धूप में डेढ़ साल के बच्चे को गोद में लिए इंसाफ की गुहार लगा रही है। मगर उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। महिला का आरोप है कि सास-ससुर ने मारपीट कर बाहर निकाल दिया। अब घर में घुसने नहीं दे रहे हैं। इसके चलते बच्चे के साथ एक साल से मायके में रह रही थी। उधर, सास-ससुर ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वो शादी के बाद से ही अलग रहना चाहती थी। पुलिस मामले की जांच में लगी है।
ये है पूरा मामला
मामला पीजीआइ थाना क्षेत्र अंतर्गत साउथ सिटी का है। यहां के निवासी शगुन द्विवेदी पुत्र विजेंद्र द्विवेदी से तीन वर्ष पहले लखीमपुर की शोभना पुत्री चंद्रप्रकाश त्रिवेदी से शादी हुई थी। महिला का पति लखीमपुर के पीएनबी बैंक में मैनेजर है। शादी के डेढ़ साल बाद शोभना को एक संतान हुई। उधर, सुसर विजेंद्र द्विवेदी रिटायर्ड दारोगा हैं। किसी बात को लेकर अनबन के चलते महिला बच्चे के साथ मायके जाकर रहने लगी। महिला का आरोप है कि बच्चे को गोद में लिए बुधवार को वापस लौटी तो घर में सास-ससुर घुसने नहीं दिया और मारपीट कर बाहर निकाल दिया। करीब पांच घंटे से गेट के बाहर ही खड़ी हंू। जब तक दरवाजा नहीं खुलेगा, मैं गेट पर ही धरने पर बैठी रहूंगी।
सास बोली- अलग रहना चाहती थी बहू
वहीं, सास नीलम का कहना है कि शादी के कुछ दिन बाद से ही इसका रवैया बदल गया। घर पर ना रहकर अलग रहने की बात कह रही थी, जिसके चलते एक सालके वह मायके में रह रही है।
क्या कहती है पुलिस
पीजीआइ इंस्पेक्टर रवींद्र राय का कहना है कि महिला अपने ससुराल आई थी, वह बरेली की रहने वाली हैं। महिला ने अभी तहरीर नहीं दी है। मारपीट की बात अभी तक सामने नहीं आई है। तहरीर के आधार पर एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। महिला का मेडिकल भी कराया जाएगा।