लखनऊ में गर्भवती को नहीं मिली एम्बुलेंस, ई-रिक्शा में जन्मा बच्चा
इंदिरा नगर की साबिया (27 वर्ष) को आज प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोगों ने प्रदेश सरकार की एम्बुलेंस102 और 108 दोनों नम्बरों पर फोन किया।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश सरकार सिर्फ एक कॉल पर एम्बुलेंस मिलने का दावा भले ही करती हो, लेकिन प्रदेश की राजधानी में ही आज इसकी हकीकत सामने आ गई। प्रसूता के घर के लोग सरकारी एम्बुलेंस के लिए फोन पर फोन मिलाते रहे, इसके बाद भी उनको सुविधा नहीं मिली। दर्द से छटपटा रही प्रसूता के घर के लोगों ने ई-रिक्शा पर उसको अस्पताल ले जाने का प्रबंध किया। इसी बीच उसने ई-रिक्शा पर झटका लगने के कारण बच्चे को जन्म दे दिया।
इंदिरा नगर की निवासी साबिया (27 वर्ष) को आज प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोगों ने प्रदेश सरकार की एम्बुलेंस102 और 108 दोनों नम्बरों पर फोन किया। इसके एक घंटे बाद भी मौके पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची। घरवाले कही से एक ई रिक्शा लेकर आये और महिला को लेकर लोहिया हास्पिटल भागे। ई-रिक्शा वाले ने रास्ते में अचानक ब्रेक लगा दिया। इससे रिक्शा जंप कर गया और साबिया ने उसके अंदर ही बच्चे को जन्म दे दिया। ई-रिक्शा लोहिया अस्पताल के रास्ते में ही था कि फैजाबाद रोड पर पालीटेक्निक के पास डिलीवरी हो गई।
घर के लोगों का कहना है कि 108 पर फोन करने पर भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची। पेशेंट की बिगड़ती हालत देखकर वो उसे ई-रिक्शा में लोहिया हॉस्पिटल ले जाने के लिए घर से निकले। कुछ दूर ही चले थे, तभी रिक्शे की सीट पर महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। किसी तरह मां और बच्चे का लोहिया हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। उन दोनों का इलाज अभी जारी है।
इंदिरा नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली साबिया (27) को कल दोपहर के बाद लेबर पेन होने पर उसके घरवालों ने 108 एंबुलेंस के नंबर पर फोन किया। पति हकीमुद्दीन (33) का आरोप है कि फोन करने के एक घंटे बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची। सादिया की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। घरवालों ने काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई। उसके बाद घरवाले एक ई-रिक्शा लेकर आए। ई- रिक्शे में बैठाकर लोहिया हॉस्पिटल के लिए निकले। वाहन पॉलीटेक्निक चौराहे से थोड़ी दूर ही बढ़ा था, तभी ई-रिक्शा वाले ने अचानक ब्रेक लगा दिया। इससे रिक्शा जंप कर गया और साबिया ने उसके अंदर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
Lucknow: Woman gave birth in e-rickshaw while on her way to the hospital yesterday, reached hospital on the same vehicle allegedly after ambulance didn't reach her after delivery pic.twitter.com/xCPv66yEJT— ANI UP (@ANINewsUP) December 15, 2017
महिला के पति हकीमुद्दीन ने बताया कि वो दुकानों पर ब्रेड, बिस्कुट और नमकीन की सप्लाई करता है। उसकी कोई फिक्स सैलरी नहीं है। उसकी पहले से तीन बेटियां है। बड़ी बेटी एलिमा (9), दूसरी बेटी इकरा(6) और सबसे छोटी बेटी जिकरा (3) है। घर में कोई बेटा नहीं था। दोनों एक बेटा चाहते थे। कल उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। यह बच्चा उन दोनों का चौथी संतान है।
हकीमुद्दीन ने बताया जब वे किसी तरह पेशेंट को ई-रिक्शे से लेकर हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां पर कोई भी नर्स या महिला कर्मचारी उसे स्ट्रेचर से अंदर ले जाने के लिए नहीं आई। वह स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर भगते रहे। थोड़ी देर बाद उनकी नजर एक स्ट्रेचर पर पड़ी। उसके बाद वे दौड़कर स्ट्रेचर खींच कर लेकर आए। उसके बाद खुद ही स्ट्रेचर खींचते हुए हॉस्पिटल की इमरजेंसी के अंदर ले गए। तब जाकर डॉक्टर्स ने उसे बच्चे को देखा।
इस संबंध में नेशनल एंबुलेंस सेवा के प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि एक घंटे तक एंबुलेंस ना मिलना संभव नहीं है। एंबुलेंस समय पर क्यों नहीं पहुंच इसकी जांच की जाएगी।