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दलितों का दिल जीतने में जुटा मुख्यमंत्री समेत यूपी भाजपा का पूरा अमला

राज्य सरकार ने प्रदेश के 821 अनुसूचित जाति बहुल गांवों को ग्राम स्वराज अभियान के लिए चुना है। इस अभियान के तहत इन गांवों को 16 योजनाओं से आच्छादित किया जाना है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 02:25 PM (IST)
दलितों का दिल जीतने में जुटा मुख्यमंत्री समेत यूपी भाजपा का पूरा अमला
दलितों का दिल जीतने में जुटा मुख्यमंत्री समेत यूपी भाजपा का पूरा अमला

लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा के कुछ दलित सांसद भले केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोधी सुर अपनाए हैं लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संगठन के लोग दलित समाज का दिल जीतने में सक्रिय हैं। इसके लिए संगठन से लेकर सरकारी स्तर पर लगातार कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। सामाजिक समीकरण मजबूत करने के लिए लगातार उपक्रम चल रहा है।

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प्रतापगढ़ में मुख्यमंत्री ने एक दलित के घर भोजन कर अपनापन जताया जबकि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहले ही इटावा में इस समाज के बीच भोजन कर और उनके दुख दर्द पर मरहम लगाकर लौटे थे। आंबेडकर जयंती से ही भाजपा इस वर्ग को जोडऩे के अभियान में जुटी है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 821 अनुसूचित जाति बहुल गांवों को ग्राम स्वराज अभियान के लिए चुना है। इस अभियान के तहत इन गांवों को 16 योजनाओं से आच्छादित किया जाना है। भाजपा के इस अभियान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया भी हो रही है। खासतौर पर बसपा अध्यक्ष मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निशाना साधा है।

हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग खुद को दलितों का मसीहा बताते हैं और खुद अपनी मूर्ति लगवा दी हो, स्वयं की देवी के रूप में पूजा करवाकर पूजित होने लगी हों, उन्हें किसी टिप्पणी का हक नहीं है। सरकार के मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनसे घुले-मिले हैं तो जाति-पांति के नाम पर वोटो की ठेकेदार बसपा सुप्रीमों की टिप्पणी जायज नहीं लगती। वंचित, शोषित, उपेक्षित वर्ग को साथ लेकर भाजपा विकास की राजनीति करती है। डॉ. पांडेय ने मायावती और अखिलेश पर जमकर हमला बोला है। कहा, भाजपा अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को मुख्यधारा में जोडऩे के लिए प्रतिबद्ध है। गरीब, द्रवित, वंचित, शोषित वर्ग को नारायण मान कर उनकी सेवा करना हमारा संस्कार है। 

बताते चलें कि सोमवार का दिन प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से पुरवा में रहने वाले दयाराम सरोज के लिए यह नजारा स्वप्न जैसा था। उनकी रसोई में उनकी बहू और पत्नी के साथ जिले की प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह और नगर पालिकाध्यक्ष प्रेमलता सिंह रोटियां बेल रही थीं। उनके साथ भोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बैठे थे और साथ में जिले के सांसद- विधायक भी।

ग्राम स्वराज अभियान के तहत जिले में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री ने कंधई मधुपुर गांव में रात्रि भोजन दयाराम सरोज के घर पर किया। रात करीब दस बजे मुख्यमंत्री अपने सहयोगियों के साथ दयाराम के घर पहुंचे। उस वक्त रोटियां सेंकी जा रही थी। इसलिए प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह और प्रेमलता सिंह ने चौका बेलन संभाल लिया और रोटियां बेलना शुरू कर दिया। इसके बाद साढ़े दस बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दयाराम सरोज, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के साथ भोजन करने बैठे।

घर के कैंपस में ही चादर बिछाकर भोजन परोसने का काम दयाराम के परिवार की बेटियों ने किया। दयाराम की बेटी दीपशिखा,उनके दोनों भाइयों की बेटियां शैवाल और महिमा के साथ ननिहाल आई भावना को भी यह सौभाग्य मिला। इन बेटियों ने सीएम और उनके साथ आए सभी अतिथियों को घर में बना सादा भोजन परोसा।


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