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UP Weather Forecast: बार‍िश से धान की फसल को पहुंचा नुकसान, प्रदूषण से मिलेगी राहत

अचानक मौसम में आए बदलाव से सर्दी बढ़ गई है। नवंबर माह आधा बीत चुका है। अभी तक लोग दिन में साधारण कपड़े में ही सुबह घर से निकलते थे। सुबह से हुई बारिश ने तापमान में गिरावट आ गई है। इसके साथ ही स्वेटर जैकेट में नज़र आने लगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 09:18 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 09:47 AM (IST)
UP Weather Forecast: बार‍िश से धान की फसल को पहुंचा नुकसान, प्रदूषण से मिलेगी राहत
खेतो में फ़सल गिर जाने से अब उनके सड़ने का खतरा मंडराने लगा है।

लखनऊ, जेएनएन। जैसा कि पूर्वानुमान था पहाड़ी इलाकों से आ रही सर्द पूर्वी हवाओं ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। राजधानी में देर रात तेज आंधी आने के साथ बारिश शुरू हो गई यह सिलसिला अभी जारी है। आसमान पर बादल छाए हैं और बूंदाबांदी जारी है। मौसम विभाग के अनुसार दोपहर बाद बारिश थमने के आसार हैं। मौसम में यह बदलाव जम्मू कश्मीर पर बने पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुआ है। दरअसल पश्चिमी विक्षोभ के चलते जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई है। और निचले पहाड़ों पर तेज बारिश के चलते मैदानी इलाकें में भी बादल छाए हैं और बारिश हो रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 19 तारीख से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने की उम्मीद है। न्यूनतम तापमान में कमी आएगी जिसके चलते कोहरा भी होगा। दिन में मौसम साफ है सकता है लेकिन ठंड अपने पूरे शबाब पर होगी।

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मिलेगी प्रदूषण से राहत

वरदान साबित हुई है दिवाली के बाद तुरंत हुई बारिश। रोक के बावजूद दीपावली पर लोगों ने खूब पटाखे फोड़े। जिसके चलते रविवार को एक्यूआई लगभग 100 यूनिट बढ़कर 374 पहुंच गया। शनिवार को एक्यूआई 264 की रेंज में रिकॉर्ड किया गया था। जाहिर है कि हवाओं में पटाखों ने और जहर घोल दिया। अच्छी बात यह रही कि दिवाली के दूसरे दिन हुई बारिश ने इस प्रदूषण को धो डाला। माना जा रहा है कि सोमवार को एक्यूआई में खासी कमी आएगी।

रायबरेली: किसानों के लिए बरसात मुसीबत बन गई। खेतों में तैयार धान की फसल गिर गई। कई जगह खेतो में रखी फसल पानी मे डूब गई। इससे अन्नदाताओं को काफी नुकसान पहुँचा है। सोमवार को सुबह से ही बारिश होने लगी। हवाओं के चलने के साथ तेज तो कभी धीमी बरसात होती रही। इस दौरान फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। अभी धान की कटाई चल रही है। इससे अन्नदाताओं की मुश्किलें बढ़ गई है। खेतो में फ़सल गिर जाने से अब उनके सड़ने का खतरा मंडराने लगा है।

रायबरेली में किसान जगदेव, रामबाबू, दुलारे, सन्तोष कुमार का कहना है कि धान की फसल पककर तैयार हो गई है। अभी कटाई चल ही रही है। बारिश होने से पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है। मौसम साफ नहीं हुआ तो काफी नुकसान पहुंचेगा। शहर के साथ डीह, सलोन, बछरावां, जगतपुर ऊंचाहार, लालगंज, डलमऊ आदि क्षेत्रों में सुबह से ही बारिश हो रही है। अभी तक इसके छटने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। इससे किसान परेशान हैं। उन्हें अपने फसल की चिंता सता रही है।

बदले मौसम से बढ़ी सर्दी

अचानक मौसम में आए बदलाव से सर्दी बढ़ गई है। नवंबर माह आधा बीत चुका है। अभी तक लोग दिन में साधारण कपड़े में ही सुबह घर से निकलते थे। वही सुबह से हुई बारिश ने तापमान में गिरावट आ गई है। इसके साथ ही स्वेटर, जैकेट में नज़र आने लगे।

कानपुर : पांच दिन पहले सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ का असर कानपुर समेत आसपास के मैदानी क्षेत्रों में पड़ा है। रविवार देर रात तेज हवा संग बारिश हुई, जबकि आसमान में बिजली कड़कती रही। मौसम विभाग ने कुछ घंटे में 15 मिलीमीटर तक वर्षा का आकलन किया है। अगले कुछ दिनों में ठंड बढ़ जाएगी। सुबह और शाम के समय धुंध रहेगी, साथ ही शीत लहर चलने की संभावना है। कैस्पियन सागर और भूमध्य सागर से 10 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है, यह चार से पांच दिन में उत्तरी क्षेत्रों तक पहुंच गया। इसकी वजह से जहां पहाड़ों पर बर्फ गिरी है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में बारिश के आसार बन गए। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ ईरान, इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होता हुआ भारत की ओर पहुंचा है। इसकी वजह से जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बर्फबारी होगी, जबकि मैदानी क्षेत्रों में वर्षा हुई। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से सर्दियों में बारिश होती है। करीब 15 मिलीमीटर तक बारिश के आसार हैं।

वाराणसी: मौसम विभाग ने वाराणसी में सोमवार को बूंदाबांदी की उम्मीद जताई है। इसके बाद से वातावरण में ठंड घुलने के साथ ही ठंडक भी बढ़ जाएगी। सोमवार की सुबह बादलों से घिरी रही तो दिन चढ़ने के साथ सूरज की रोशनी भी हुई मगर जल्द ही बादलों की आगोश में समा गई। सुबह ठंडी हवाओं का जोर रहा और दिन चढ़ने ले साथ ही लोगों को ठंड से राहत तो मिली मगर बादलों की सक्रियता के बीच वातावरण में अमूमन ठंड घुली ही नजर आई। बादलों के बीच बूंदाबांदी होने से वायु प्रदूषण भी घटने की उम्मीद मौसम विज्ञानी जाहिर कर रहे हैं। बीते चौबीस घण्टों में अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 17.6 दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 75 फीसद और न्यूनतम 54 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों में पूर्वांचल में बादलों की सक्रियता बनी हुई है। लोकल हीटिंग या वातावरण से नमी मिली तो बूंदाबांदी भी हो सकती है।


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