उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जल प्लावन का कहर, 14 लोगों की मौत
लाल निशान के ऊपर प्रवाहित हो रही नदियों का पानी सैकड़ों गांवों में तबाही मचा रहा है। लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ कूच कर रहे हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। उप्र में बारिश और बाढ़ का कहर नहीं थम रहा है। बीते पखवारे से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला सोमवार को भी रह-रहकर जारी रहा। इस दौरान बिजली और मकान गिरे। लाल निशान के ऊपर प्रवाहित हो रही नदियों का पानी सैकड़ों गांवों में तबाही मचा रहा है। लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ कूच कर रहे हैं। सोमवार को अलग-अलग घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए।
राजधानी लखनऊ में सोमवार सुबह एक बार फिर से हुई तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले दो दिन बारिश और होगी। हरदोई और आसपास में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। आंबेडकरनगर में घाघरा नदी स्थिर है। तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार है। सोमवार को भी जमकर झमाझम हुई।
पूर्वांचल में सभी नदियां उफान पर हैं।
घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों में अब कटान जारी है। बलिया, मऊ और आजमगढ़ के कई गांवों में घाघरा का पानी घुस चुका है। सोनभद्र व चंदौली के बांधों को खोलकर पानी बहाने का क्रम अनवरत जारी रहा। वहीं मीरजापुर में अलग-अलग दो कच्चा मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। जौनपुर में सई नदी का प्रचंड रूप धारण कर रही है। मीरजापुर से लगायत गाजीपुर व बलिया में गंगा ने और रौद्र रूप ले लिया है। चंदौली के नौगढ़, मूसाखांड़, चंद्रप्रभा बांधों के भरने से लतीफशाह बीयर में उफान आ गया है।
बलिया की बैरिया तहसील में सुरेमनपुर दियारा के आधा दर्जन और चांददियर के गांवों में लोग पानी से घिरे हैं। गाजीपुर में गंगा बढ़ रही है। करंडा ब्लाक के तटवर्ती गांव रफीपुर, सोकनी, बड़हरिया, बयेपुर गांव के लोगों ने कटान रोकने की व्यवस्था नहीं होने पर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है। जौनपुर में बदलापुर व मुंगराबादशाहपुर क्षेत्र के अमोध गांव के निकट कमासिन ड्रेन पर बना रपटा पुल डूबने से संकट बढ़ गया है। केराकत के सरोज बड़ेवर में टाई नाले पर बना रपटा पुल पहले ही टूट चुका है। गोमती का जलस्तर भी बढ़ गया है। संगमनगरी इलाहाबाद में गंगा और यमुना के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है।
कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र के गांव मुंडेरा उपाध्याय में सोमवार की शाम लगभग चार बजे बिजली गिरने से उसकी चपेट में आने से दो किशोरियों व एक महिला की मौत हो गई, जबकि छह अन्य महिलाएं झुलस गईं। मरने वालों में दो सगी बहनें शामिल हैं। इसी तरह देवरिया के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के कृतपुरा गांव में बिजली गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई।
लखीमपुर में शारदा नदी स्थिर है। बाढ़ प्रभावित तीन दर्जन गांव में नाव का सहारा बनी है। बाराबंकी, गोंडा में घाघरा लाल निशान से ऊपर है। फैजाबाद में सरयू नदी कहर बरपा रही है। अमेठी, बलरामपुर में बारिश हुई। सुलतानपुर में कुछ स्थानों पर मामूली रिमझिम बरसात हुई।
मध्य उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड की नदियों का जलस्तर बढऩे से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सोमवार को कुछ जिलों में रिमझिम बारिश हुई। कानपुर देहात में नोन नदी में डूब कर दो किशोरों की मौत हो गई। वहीं घर गिरने से मलबे में दबकर उन्नाव में महिला व किशोर और फतेहपुर में वृद्ध की मौत हो गई। अन्य जिलों में कई लोग घायल हुए। उन्नाव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा का पानी अब तक कटरी के 400 गांवों को अपनी जद में ले चुका। 100 गांवों के मुहाने तक पानी पहुंच चुका है। लोगों को गांवों से निकालने की कोशिशों के साथ प्रशासन ने पीएसी और जल पुलिस को सतर्क कर दिया है।
कानपुर के शिवराजपुर को उन्नाव से जोडऩे वाली सड़क के बह जाने के बाद अब बिठूर-परियर सड़क के लिए भी खतरा बढ़ गया है। फतेहपुर में गंगा का जलस्तर बढऩे से बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। बांदा में केन नदी खतरे के निशान को छू रही है। मध्य प्रदेश से बांधों से पानी छोड़े जाने से केन और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा है। हमीरपुर में यमुना व बेतवा नदी भी उफान मार रही हैं।
पश्चिमी उप्र के मेरठ और सहारनपुर मंडल में सोमवार को भी मूसलधार बारिश हुई। बागपत में बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गई। एक घायल हो गया। बिजनौर में नदियों का जलस्तर बढऩे से फिर बाढ़ का खतरा सताने लगा है। नजीबाबाद में बारिश के दौरान दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मेरठ के हस्तिनापुर खादर में गंगा का कई गांवों के संपर्क मार्गों व खेतों में पानी पहुंच गया है। एक युवक की डूबने से मौत हो गई। सोमवार को मेरठ, अलीगढ़, हाथरस में रुक-रुक कर कई बार बरसात हुई।
मुरादाबाद जिले में रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आने के बावजूद गांवों में दुश्वारियां बरकरार हैं। मुरादाबाद में सिंह मन हजारी में बारिश के चलते एक मकान गिर गया। सम्भल के कई गांवों में खेतों में बाढ़ का पानी आ चुका है। सिंहावली गांव में मकान की छत गिर गई। दो बच्चे घायल हुए। बहजोई के राजा के मझोला गांव में भी मकान की छत गिर गई। अमरोहा में बाढ़ प्रभावित गांवों में भूमि कटान जारी है। रामपुर में शाहबाद के ललवारा गांव के रास्तों पर रामगंगा नदी का पानी पहुंच गया। स्वार में कोसी नदी कहर बरपा रही है।