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दूरदर्शन उत्तर प्रदेश पर हर रविवार देखिए क्रांतिवीरों पर डाक्यूमेंट्री, रामकृष्ण खत्री पर वृत्तचित्र का प्रसारण आज

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत दूरदर्शन उत्तर प्रदेश अपने दर्शकों के लिए एक नई श्रृंखला लेकर आ रहा है। वृत्तचित्रों पर आधारित इस श्रृंखला का शीर्षक उत्तर प्रदेश के क्रांतिवीर है। प्रत्येक रविवार को सुबह 830 बजे शाम 530 और रात 11 बजे क्रांतिवीरों पर आधारित वृत्तचित्र दिखाए जाएंगे।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 01:51 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 01:51 PM (IST)
रविवार को रामकृष्ण खत्री के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र के प्रसारण के साथ इसकी शुरुआत हुई।

लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत दूरदर्शन उत्तर प्रदेश अपने दर्शकों के लिए एक नई श्रृंखला लेकर आ रहा है। वृत्तचित्रों पर आधारित इस श्रृंखला का शीर्षक ''''उत्तर प्रदेश के क्रांतिवीर'''' है। इस श्रृंखला में प्रत्येक सप्ताह रविवार को सुबह 8:30 बजे, शाम 5:30 और रात 11 बजे क्रांतिवीरों पर आधारित वृत्तचित्र दिखाए जाएंगे। दूरदर्शन के सहायक निदेशक (कार्यक्रम) आत्म प्रकाश मिश्र ने बताया कि प्रदेश के जिन प्रमुख क्रांतिवीरों पर वृत्तचित्र दिखाए जाने हैं, उनमें ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, राणा बेनी माधव, आचार्य नरेंद्र देव, झलकारी बाई, ऊदा देवी समेत लखनऊ के मोहम्मद साबिर, इटावा के किशन लाल जैन, कुम्हरावां के राम सागर मिश्र समेत उत्तर प्रदेश के अनेक सेनानी शामिल हैं।

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इस श्रृंखला की शुरुआत 19 सितंबर से हो रही है। रविवार को काकोरी एक्शन के नायकों में से एक रामकृष्ण खत्री के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र के प्रसारण के साथ इसकी शुरुआत हुई। इसका छायांकन प्रवीण अस्थाना ने किया है, साउंड इंजीनियर हरिश्चंद्र तिवारी हैं। वीडियो संपादन नितीश श्रीवास्तव ने किया है। प्रस्तुतकर्ता नलिनी श्रीवास्तव हैं।

काकोरी ट्रेन एक्शन में मिला था दस वर्ष का कारावासः लखनऊ के पास काकोरी में नौ अगस्त, 1925 को रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने ट्रेन से सरकारी खजाना लूट लिया। उसके बाद अंग्रेज सरकार ने सारी शक्ति लगाकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया। काकोरी ट्रेन एक्शन में सजा पाने वाले क्रांतिकारियों में से एक थे- राम कृष्ण खत्री जी। महाराष्ट्र में बुलडाणा जिले के चिखली ग्राम में जन्मे राम कृष्ण खत्री 1917 में चिखली में लोकमान्य तिलक और 1920 में वर्धा में गांधीजी के भाषणों से प्रभावित होकर राजनीति में सक्रिय हुए। 1923 में क्रांतिवीर चंद्रशेखर आजाद के संपर्क में आए और हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) के सक्रिय सदस्य बन गए। काकोरी ट्रेन एक्शन के बाद 18 अक्टूबर 1925 को राम कृष्ण खत्री पूना से गिरफ्तार कर लखनऊ लाए गए। दस वर्ष का कठोर कारावास मिला। अगस्त, 1935 में लखनऊ सेंट्रल जेल से रिहा हुए।

जेल से छूटकर आजीवन शेष बंदी साथियों की रिहाई के लिए प्रयासरत रहे। 18 अक्टूबर, 1996 को 95 वर्ष की आयु में लखनऊ में दिवंगत हुए।


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