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इलाहाबाद के नैनी बवाल में प्रशिक्षु आइपीएस समेत 45 घायल

नैनी सेंट्रल जेल के सामने रविवार मारे गए ज्ञानचंद्र की अंत्येष्टि से पहले आज सुबह शेरडीह गांव के बवाल में आक्रोश काबू करने के लिए आंसू गैस छोड़ी और रबर की गोलियां दागीं गई। पथराव में प्रशिक्षु आइपीएस और पांच एसओ समेत 45 लोग जख्मी हो गए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 07 Jun 2016 12:25 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jun 2016 08:00 PM (IST)
इलाहाबाद के नैनी बवाल में प्रशिक्षु आइपीएस समेत 45 घायल

लखनऊ (जेएनएन)। इलाहाबाद नैनी सेंट्रल जेल के सामने रविवार शाम गोलियों से छलनी किए गए ज्ञानचंद्र यादव की अंत्येष्टि से पहले आज सुबह झूंसी क्षेत्र के शेरडीह गांव में जमकर बवाल हुआ। उग्र लोगों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। रबर की गोलियां भी दागी गईं। पथराव में प्रशिक्षु आइपीएस गणेश साहा (सीओ पंचम), एसपी गंगापार, पांच एसओ समेत करीब 45 लोग जख्मी हो गए। दोहरे हत्याकांड में नामजद अभियुक्त अशोक यादव और चंद्रजीत को गिरफ्तार कर लिया गया है। नैनी जेल के सामने हुआ हत्याकांड तीसरे दिन भी पुलिस व प्रशासन के लिए सिरदर्द बना रहा। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद लालता की अंत्येष्टि तो पुलिस ने करवा दी थी, लेकिन ज्ञानचंद्र के परिवार वाले जेल में बंद चंद्रभान को पेरोल पर छोडऩे की मांग करने लगे। इस वजह से अंत्येष्टि नहीं हो पाई थी। आज सुबह फिर यही मांग रख दी गई। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने इसे पूरी कर पाने में असमर्थता जताई तो परिवार वाले, रिश्तेदार और ग्रामीण उग्र हो गए। इलाहाबाद-फूलपुर मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया गया। आवाजाही बाधित होने पर आइपीएस गणेश शाहा ने लोगों को समझाने की कोशिश की तो कुछ महिलाएं उलझ गईं। वे एक दारोगा की पिस्टल छीनने लगी। आइपीएस ने उन्हें रोका तो भीड़ उग्र हो गई और पथराव किया जाने लगा। पत्थर लगते ही आइपीएस गणेश साहा और एसओ जख्मी हो गए। यह देख जवानों ने उपद्रवियों को खदेड़ दिया। और फोर्स बुलाई गई, लेकिन ज्ञानचंद्र के समर्थक पथराव के साथ तोडफ़ोड़ करते रहे। कुछ ग्रामीणों ने फायरिंग भी की और पीएसी जवानों को घेर कर आग लगाने की कोशिश करने लगे। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। दोबारा हुए पथराव में एसपी गंगापार राजेश श्रीवास्तव समेत कई लोग चुटहिल हुए। तीन घंटे तक चले बवाल के बाद बड़ी संख्या में जवानों के साथ डीएम, एसएसपी ने मोर्चा संभाला तो स्थिति सामान्य हुई। ज्ञानचंद्र का शव लाकर दारागंज घाट पर अंतिम संस्कार करा दिया गया। उसकी बहन ने मुखाग्नि दी। एसएसपी जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि बवाल करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तनाव के मद्देनजर गांव में पुलिस व पीएसी देर शाम तक तैनात थी।

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