बिजली चोरी पकड़ने में फिसड्डी साबित हो रही है विजिलेंस Lucknow News
लखनऊ में बिजली चोरी रोकने में नाकाम साबित हो रही है विजिलेंस टीम।
लखनऊ [अंशू दीक्षित]। बिजली चोरी पकड़ने में मध्यांचल में तैनात विजिलेंस टीम फिसड्डी साबित हो रही है। जून माह में कई डिवीजनों में एक भी कार्रवाई नहीं की। वहीं कुछ डिवीजनों में बिजली चोरी पकड़ने का ग्राफ एक व दो का रहा। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हर माह जो विजिलेंस टीम पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उसके एवज में टीम राजस्व का ग्राफ नहीं बढ़ा पा रही है। यही नहीं सुबह नौ बजे से शाम छह बजे वाली ड्यूटी बजाकर इतिश्री की जा रही है।
ट्रांस गोमती व सिस गोमती में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया गया। विजिलेंस ने डालीगंज, महानगर, सीतापुर रोड, विश्वविद्यालय, अपट्रॉन में एक भी चोरी नहीं पकड़ी। वहीं इंदिरा नगर में दो, मुंशी पुलिया डिवीजन में एक, रहीम नगर में दो, गोमती नगर में पांच चोरी पकड़ी। इसी तरह आलमबाग, राजाजीपुरम में भी सिर्फ एक ही चोरी पकड़ी। कानपुर रोड, चौक में संतोषजनक रिस्पांस नहीं रहा। मध्यांचल एमडी की समीक्षा बैठक में इस कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े हुए।
विजिलेंस में एसपी से लेकर पूरी फोर्स : मध्यांचल में विजिलेंस को नियंत्रित करने के लिए बकायदा एक एसपी, कई इंस्पेक्टर, आधा दर्जन से अधिक उप निरीक्षक और दर्जनों की संख्या में सिपाही व अन्य स्टाफ तैनात किए गए हैं।
जून में सीतापुर रोड, विश्वविद्यालय, डालीगंज, अपट्रॉन में एक भी छापे नहीं वहीं कई डिवीजनों में एक से पांच तक ग्राफ छू न सकी विजिलेंस क्षेत्र में घूमा करती हैं जीपें। सूत्रों की माने तो विजिलेंस की गाड़ियां नियमित क्षेत्र में निकलती है। इन गाड़ियों में जेई, इंस्पेक्टर व अन्य स्टाफ रहता है। आखिर यह स्टाफ किस हिसाब से काम करता है, जो एक भी चोरी नहीं पकड़ पा रहा है।
बिना फोर्स के अकसर पिट जाते हैं अभियंता
बिजली चेकिंग में विजिलेंस व स्थानीय पुलिस के समय से न पहुंचने पर कई बार अभियंता, उपभोक्ता द्वारा पीट दिए जाते हैं। कई बार विजिलेंस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े हुए हैं, लेकिन सुस्त चाल विजिलेंस की छवि बिगाड़ रही है।