दो पूर्व कुलपतियों के खिलाफ होगी भ्रष्टाचार की विजलेंस जांच, तत्कालीन रजिस्ट्रार व लिपिक भी फंसे
नरेंद्र देव कृषि विवि व चौधरी चरण सिंह विवि के पूर्व कुलपति के खिलाफ होगी जांच।
लखनऊ, जेएनएन। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में दो विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों के खिलाफ सर्तकता जांच के आदेश दिए हैं। इसमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के पूर्व कुलपति प्रो. केसी पांडेय और तत्कालीन रजिस्ट्रार एन सेठ शामिल हैं। वहीं भ्रष्टाचार के दूसरे मामले में नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फैजाबाद के पूर्व कुलपति प्रो. बीबी सिंह, वरिष्ठ लिपिक ओपी गौड़ और कृषि विज्ञान केंद्र महाराजगंज के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार सिंह व सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ विनोद कुमार सिंह शामिल हैं।
फैजाबाद के नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2001 व 2003 में ट्रेनिंग एसोसिएट पद पर चयन के लिए धांधली की गई और अभिलेखों में हेराफेरी कर कूटरचित व फर्जी चयन सूची तैयार की गई। मामले की जांच में अनियमितता की पुष्टि के बाद पूर्व कुलपति प्रो. बीबी सिंह सहित चारों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में विजलेंस जांच होगी।
वहीं दूसरी ओर वर्ष 1995 से 1997 तक डिग्री कॉलेजों को संबद्धता देने के मामले में किए गए भ्रष्टाचार की सर्तकता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर द्वारा खुली जांच की गई। विशेष सचिव उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 12 अक्टूबर 2018 में सौंपी गई। इसमें स्पष्ट कहा गया कि सर्तकता जांच से संबंधित अभिलेख व पत्रावलियां मौजूद होने के बावजूद इसे सर्तकता अधिष्ठान को उपलब्ध नहीं करवाया गया। ऐसे में पूर्व कुलपति केसी पांडेय व तत्कालीन रजिस्ट्रार एन सेठ के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर मामले में दोबारा सर्तकता जांच के आदेश दिए गए हैं।