गायत्री प्रजापति प्रकरण: दुष्कर्म पीड़िता की बड़ी बेटी बोली, मां ने पैसे लेकर गायत्री को बचाया
पूर्व मंत्री के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म मामले में नया मोड़। कहा, छोटी बहन नहीं उसके साथ हुआ था दुष्कर्म का प्रयास।
लखनऊ(जेएनएन)। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ चल रहे सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नया मोड़ आ गया है। दुष्कर्म पीड़ित महिला की बड़ी बेटी ने अदालत में दिये शपथपत्र में अपनी मां को झूठा करार देते हुए गायत्री को बचाने के लिए बड़ी रकम लिये जाने का दावा किया है। कहा, पक्ष में गवाही के लिए लाखों का लेनदेन उसके सामने ही हुआ। यही नहीं, उसका कहना है कि गायत्री व अन्य आरोपितों ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था, लेकिन मां पुलिस के सामने उसकी छोटी बहन को पीड़ित किशोरी बनाकर ले गई थी।
लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में पूर्व मंत्री गायत्री समेत अन्य के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था। पीड़िता ने अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के प्रयास का भी आरोप लगाया था। इस केस में पीड़िता की बड़ी पुत्री ने हलफनामे में आरोप लगाया है कि जिस बड़ी लड़की के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया था, वो लड़की वह स्वयं है। जबकि सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली वादिनी (मां) ने पुलिस के समक्ष उसकी छोटी बहन को पेश कर उसका बयान कराया। गवाही में उसने दुष्कर्म का प्रयास न किए जाने की बात कही है।
युवती ने कहा कि उसकी मां को यह आभास था कि वह अभियुक्तों के विरुद्ध सही गवाही देगी तथा किसी के दबाव में नहीं आएगी। इसके चलते उसकी मां ने साजिशन उसके बजाय उसकी छोटी बहन को पीड़ित किशोरी बताकर पुलिस के सामने बयान करवा दिया।
उसका कहना है कि छोटी बहन के साथ कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा जिन तिथियों में घटना होने की बात कही गई है, उस समय छोटी बहन लखनऊ नहीं गई। शपथ पत्र में कहा गया है कि दुष्कर्म करने के लिए जब अभियुक्त उसकी मां को पांच गौतमपल्ली ले गए तब वह भी साथ थी तथा 17 जुलाई 2016 को उसकी मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया।
दुष्कर्म पीड़िता की बेटी ने कहा मां ने मेरे सामने लिए पैसे
गायत्री प्रसाद प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला की बेटी ने कहा, जब-जब उसकी मां ने अभियुक्तों से पैसे लिए, तब भी वह मौजूद थी। यह रकम गायत्री प्रसाद के पुत्र अनिल, विकास वर्मा के भाई व्यास तथा पिंटू सिंह के खास विनीत ने समय-समय पर लाकर दी। शपथपत्र का समर्थन गवाह राम सिंह ने भी किया है। युवती की ओर से शपथपत्र विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विकास नागर के समक्ष दाखिल किया गया। अदालत ने शपथपत्र उचित निर्णय लिए जाने के लिए एसएसपी, लखनऊ को भेजे हैं। ताकि इन नए तथ्यों को अग्रिम विवेचना का हिस्सा बनाये जाने पर विचार हो सके।
30 को होगी अगली सुनवाई
युवती ने शपथ-पत्र को पत्रवली पर लिए जाने और उसकी प्रति जिला शासकीय अधिवक्ता को दिए जाने को कहा है। अदालत के समक्ष अन्य प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर न्यायालय द्वारा आरोप को संशोधित किए जाने की मांग की गई है। जिसके निस्तारण एवं अन्य साक्ष्य के लिए 30 अक्टूबर की तिथि नियत की गई है। इस प्रकरण में दुष्कर्म पीड़िता मुख्य परीक्षा (गवाही) की शुरुआत में पक्षद्रोही हो गई तथा उसने आरोपी आशीष शुक्ला के अतिरिक्त किसी के विरुद्ध कुछ नहीं कहा। जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार त्रिपाठी ने वादिनी के विरुद्ध कार्यवाही एवं जिरह करने की अर्जी दी थी। परंतु पीड़िता पुन: अदालत वापस नहीं आई।