कुलपति ने राज्यपाल को भेजी हमले और हंगामे की रिपोर्ट
निष्कासित छात्र आशीष पहले भी कर चुका है प्रॉक्टर पर हमला, धरने में शामिल हुए लोगों की लिस्ट भी भेजी गई
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। लविवि में बीते दिनों कुलपति व शिक्षकों पर हमले की रिपोर्ट राज्यपाल व कुलाधिपति राम नाईक को भेज दी गई है। कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि रिपोर्ट तथ्यों व साक्ष्यों के साथ भेजी गई है। हमला व हंगामा करने वाले और उनका सपोर्ट करने वालों के नाम भी इसके साथ भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि निष्कासित छात्र आशीष मिश्रा बाक्सर ने पहले भी प्रॉक्टर पर जानलेवा हमला किया था लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं करीब डेढ़ साल पहले उसने हसनगंज चरही में नन्हें स्वीट्स पर हमला कर वहां के संचालक को जान से मारने की कोशिश की थी। इसकी भी पुलिस को जानकारी थी। इसके सीसीटीवी फुटेज भी हैं। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। कुलपति ने कहा कि राज्यपाल इस घटना को लेकर काफी गंभीर हैं और उन्होंने इस प्रकरण पर दो बार फोन पर बात भी की है।
कुलपति ने कहा कि अगर धरने पर बैठे लोगों के समर्थन में आए बुद्धिजीवी मुझसे मिलते तो क्या मैं इसका कोई सर्वमान्य हल न निकालता। सिर्फ कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह मिलने आए थे। उन्होंने मुझसे इस घटना पर पूरी बात भी की थी। मैने उन्हें बताया था कि छात्रा पूजा शुक्ला सहित अन्य विद्यार्थी दाखिले की मांग लेकर आए थे तो मैंने स्पष्ट कहा था कि अपनी शिकायत प्रार्थना पत्र के माध्यम से दें। प्रकरण की जांच करवाएंगे और रिपोर्ट आने पर अगर वह सही हैं तो दाखिला जरूर देंगे। उन्होंने कहा कि मैं मध्यस्थता करूंगा, मैं भी इस शर्त पर वार्ता के लिए तैयार था। मगर वह धरना स्थल गए और फिर वापस नहीं आए। मैं किसी भी गलत विद्यार्थी को दाखिला नहीं दूंगा। फिलहाल कुलपति की रिपोर्ट में धरने पर आई पूर्व कुलपति प्रो. रूपरेखा वर्मा, डॉ. विनोद चंद्रा सहित कई अन्य नाम भी शामिल हैं।
¨हसा करने वालों को मैने कभी समर्थन नहीं दिया : प्रो. रूपरेखा
लविवि में हुई घटना को पूर्व कुलपति प्रो. रूपरेखा वर्मा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी ¨हसा करने वालों का सपोर्ट नहीं किया। मैं तो छात्र नेता पूजा शुक्ला के धरने में शांतिपूर्ण ढंग से शामिल हुई थी और उस दिन तो कोई घटना भी नहीं हुई। दूसरे दिन वहां किन अराजक तत्वों ने साजिश रचकर इस घटना को अंजाम दिया इससे वह पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। लविवि में हुई घटना छात्र संगठन के लिए अशोभनीय : राज्यपाल
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर सिविल अस्पताल में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने गए राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि लविवि में जो कुछ हुआ वह किसी भी छात्र संगठन के लिए शोभा नहीं देता। उपद्रव में शामिल तीन विद्यार्थियों को गंभीर घटनाओं में शामिल होने की शिकायत मिलने पर मैने ही निष्कासित किया था। क्योंकि मैं कुलाधिपति भी हूं इसलिए मैनें रिपोर्ट मांगी थी कुलपति ने रिपोर्ट दे दी है। उच्च न्यायालय के कदम का मैं स्वागत करता हूं कि उन्होंने मीडिया में प्रकाशित खबर पर स्वत : संज्ञान लेकर सख्त रुख अपनाया। हमे भी करानी चाहिए काउंसिलिंग और टीचिंग
लविवि संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि लविवि के शिक्षक मंगलवार से काउंसिलिंग व टीचिंग करने के पक्ष में हैं तो हमें भी ऐसा करना चाहिए। मगर प्राचार्य परिषद के अध्यक्ष डॉ. एसडी शर्मा ने कहा कि कुलपति से वार्ता होने के बाद वह शनिवार से काउंसिलिंग शुरू कर रहे हैं। वहीं कालीचरण पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र प्रताप सिंह और डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केके पांडेय भी काउंसिलिंग शनिवार को शुरू करेंगे।