31 मार्च 2020 तक खरीदे गए वाहन स्वामियों को स्थायी पंजीयन के लिए मिली सशर्त राहत
उत्तर प्रदेश 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए बीएस फोर मॉडल वाहन मालिकों को स्थायी पंजीकरण कराने का मिला एक और मौका।
लखनऊ, जेएनएन। बीएस फोर मॉडल के वाहन स्वामियों के लिए यह एक राहत भरी खबर है। प्रदेश में 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए तकरीबन दस हजार ऐसे वाहन स्वामी जिन्होंने टैक्स जमा कर अस्थायी पंजीयन पर ले लिया था लेकिन लॉकडाउन के कारण अपनी गाड़ियों का स्थायी पंजीयन नहीं करा पाए थे। न्यायालय के निर्देश पर ऐसे वाहनों को स्थायी पंजीयन कराने का मौका दिया गया है। शर्त यह है कि टैक्स जमा करने के साथ ही ऐसी गाड़ियों का परिवहन विभाग के वाहन-4 पोर्टल पर दर्ज होना भी आवश्यक होगा।
आवेदकों का स्थायी पंजीयन तभी मान्य होगा जब उन्होंने तय अवधि का टैक्स उसी वक्त जमा कर दिया हो और पोर्टल पर अपनी इंट्री करा ली हो। लखनऊ समेत प्रदेश भर में अस्थायी पंजीयन वाले 9,700 वाहनस्वामी हैं जो फैसले का इंतजार कर रहे थे। अब उन्हें राहत मिलेगी। इनमें गैर जनपदों से गाड़ियां खरीद दूसरे जिलों में अस्थायी नंबर पर चलने वाले वाहन भी होंगे। बता दें कि चार पहिया गाड़ी मालिकों ने गैर जनपद से गाड़ी खरीदकर अस्थायी पंजीयन तो करा लिया। लेकिन कोविड-19 के चलते लागू हुए लॉकडाउन के कारण स्थायी पंजीयन के प्रपत्र संबंधित आरटीओ कार्यालय में पेश नहीं कर पाए। इस वजह से इन गाड़ियों को स्थायी पंजीयन नहीं हो सका। दरअसल, कोर्ट के आदेश पर बीएस फोर वाहनों का पंजीयन 31 मार्च 2020 तक ही किया जाना था। 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हो गया। ऐसे में जिन गाड़ी मालिकों ने अस्थाई पंजीयन पर गाड़ी खरीदी थीं उनका पंजीयन स्थायी नहीं हो पाया था। अब इससे राहत मिली है। यह फैसला एनसीआर क्षेत्र के वाहनों में लागू नहीं होगा।
खास बात
- 31 मार्च 2020 तक वाहन खरीद कर पोर्टल पर टैक्स और फीस जमा कर दी हो लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए
-दूसरे अस्थायी नंबर वाले ऐसी गाड़ियां जो किसी जिले में खरीदी गईं और लाॅकडाउन के दौरान उनका दूसरे जिलों में रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका
अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि 31 मार्च के पहले खरीदे गए बीएस फोर मॉडल के नए वाहन अथवा अस्थायी पंजीयन वाले वाहनों को स्थायी रजिस्ट्रेशन की सशर्त मंजूरी दे दी गई है।