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अवध विवि के VC ने की अपने ही कार्यकाल की जांच की सिफारिश, CM को भेजा पत्र Ayodhya News

अवध विवि के कुलपति ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र भेजा है। पत्र में मांगपत्र का उल्लेख करते हुए 23 बिंदुओं पर सीबीआई जांच की संस्तुति की है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 10:59 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 10:59 PM (IST)
अवध विवि के VC ने की अपने ही कार्यकाल की जांच की सिफारिश, CM को भेजा पत्र  Ayodhya News
अवध विवि के VC ने की अपने ही कार्यकाल की जांच की सिफारिश, CM को भेजा पत्र Ayodhya News

अयोध्या, जेएनएन। डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.मनोज दीक्षित ने एक अनोखी नजीर पेश की है। विश्वविद्यालय इतिहास में वे पहले ऐसे कुलपति हैं, जिन्होंने अपने ही कार्यकाल की जांच की सिफारिश मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से की है। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। इस पत्र में कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष राजेश पांडेय व महामंत्री श्याम कुमार के मांगपत्र का उल्लेख करते हुए 23 बिंदुओं पर सीबीआई जांच की संस्तुति की है।  

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कुलपति के इस साहसी कदम की खूब चर्चा हो रही है। कुलपति ने कर्मचारी परिषद की मांग का स्वागत करते हुए सीएम से अपने कार्यकाल की न्यूनतम सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की। इसके साथ ही प्रो. दीक्षित ने इसकी भी संस्तुति की है कि यदि कर्मचारी परिषद उक्त मांगों से मुकरता हैं तो परिषद से संबंधित पदाधिकारियों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक एवं विधिक कार्यवाही हो। जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को भेजे गए पत्र के साथ कुलपति ने कर्मचारी परिषद का मांगपत्र संलग्न किया है।     

गौरतलब है कि गत कुछ दिन से कर्मचारी परिषद मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर रहा है। इसी दौरान कुलपति व प्रतिकुलपति पर तीखे हमले हो रहे हैं। परिषद के पदाधिकारियों ने कुलपति पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम से सीबीआई जांच की मांग की तो एक दिन बाद ही कुलपति आगे आए। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच की संस्तुति कर दी। कुलपति पर वित्तीय अनियमितता, संचित धन का दुरुपयोग, गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अपव्यय,  अंकपत्रों के लेमिनेशन पर छह करोड़ रुपये के अनर्गल दोहन, डिजिटलाइजेशन के नाम पर कई संस्थान को विभिन्न नाम से कार्य देने, ऑनलाइन होने के बावजूद प्रवेशपत्र व जांचपत्र पर धन की बर्बादी, रक्षक एप पर खर्च धन का बंटरबांट, गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण, आइईटी में 50 लाख रुपये में निर्मित शौचालय, इंजीनियरिंग संस्थान को मिले मद का दुरुपयोग, टेक्यूप योजना की मद से मिली धनराशि की जांच, मनमाने तरीके से चहेतों को कार्य देने, आउट सोर्सिंग व्यवस्था की जांच, निर्धारित दर से 12 गुना अधिक धनराशि से उपाधि मुद्रण सहित 23 बिंदुओं का आरोप पत्र है। 


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