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दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे अनुष्का शर्मा और वरुण धवन ने साझा की दिल की बात

अपनी फिल्म सुई धागा के प्रमोशन के लिए अनुष्का शर्मा और वरुण धवन दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने फिल्म के साथ-साथ अपनी निजी जिंदगी से जुड़े अनुभवों को भी साझा किया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 07:54 AM (IST)
दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे अनुष्का शर्मा और वरुण धवन ने साझा की दिल की बात

लखनऊ [जुनैद अहमद]। स्वच्छता से लेकर साक्षरता तक हर मुद्दा फिल्मों के जरिए उठाया जा चुका है। अब समाज में बिखर रहे बुनकर उद्योग की एक तस्वीर सुई धागा फिल्म के जरिए बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी। अपनी फिल्म सुई धागा के प्रमोशन के लिए अनुष्का शर्मा और वरुण धवन दैनिक जागरण के कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने फिल्म के साथ-साथ अपनी निजी जिंदगी से जुड़े अनुभवों को भी साझा किया।

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सोमवार को दोनों अदाकारों की गाडिय़ों का काफिला जब दैनिक जागरण कार्यालय के अंदर दाखिल हुआ तो उनकी एक झलक पाने को बेताब फैंस गेट से लेकर बाउंड्री पर नजर आए। दोनों कलाकारों ने हाथ हिलाकर अभिनंदन स्वीकार किया। हर कोई इस यादगार पल को अपने कैमरे में कैद करने के लिए व उनकी एक झलक पाने को उत्साहित नजर आया। इस फिल्म में मौजी नाम के टेलर का किरदार वरुण धवन निभा रहे हैं, वहीं उनकी पत्नी कर किरदार अनुष्का शर्मा निभा रही हैं।

मुझे डार्क फिल्में ऑफर नहीं होती : वरुण

स्टूडेंट ऑफ दि ईयर, हम्टी शर्मा की दुल्हनियां, मैं तेरा हीरो, दिलवाले, बदलापुर, एबीसीडी-2, डिशुम, बद्रीनाथ की दुल्हनियां, जुड़वा-2 जैसी फिल्मों में अभिनय करने वाले वरुण धवन ने बताया कि फिल्में समाज को कुछ सिखा कर जाती हैं, यह हमारी जिम्मेदारी है कि मनोरंजन के साथ लोगों को अच्छा बनने की प्रेरणा दे सके। मशहूर निर्देशक निर्माता डेविड धवन के बेटे वरुण कहते हैं कि अपने अभिनय से लोगों को हंसाना बहुत मुश्किल है। मेरे पिता हमेशा से ही लोगों को हंसाते आए हैं, मैं भी उन्हीं की तरह लोगों को हंसाने की कोशिश कर रहा हूं। यही वजह है कि मेरी इमेज भी एक चॉकलेटी हीरो की तरह हो गई है, और डार्क फिल्में नहीं ऑफर होती।

शॅार्ट फिल्मों से की शुरूआत

वरुण बताते हैं कि कॉलेज के बाद उन्होंने शार्ट फिल्में बनानी शुरू की। उन्होंने चार शार्ट फिल्में निर्देशित की। उसके बाद फिल्म माई नेम इज खान में असिस्टेंट डायरेक्टर की भूमिका निभाई। फिर करण जौहर की फिल्म स्टूडेंट ऑफ दि ईयर में काम किया। तब से अभी तक अभिनय का सिलसिला जारी है।

शाहरुख खान और सलमान से बहुत सीखा है

अभिनय के बारे में वरुण बताते हैं कि उन्होंने शाहरुख खान, सलमान खान से बहुत सीखा है। इसके अलावा कॉमेडी सीन करते समय मुझे गोविंदा की याद आ जाती है। सब कहते हैं कि मैं गोविंदा की तरह कॉमेडी करता हूं। अपने पिता डेविड धवन के बारे में वरुण ने बताया कि वह काफी सालों  लखनऊ के श्रंगार नगर में रहे हैं। जब मैं यहां आ रहा था, तो उन्होंने कहा कि तू मेरे शहर जा रहा है। वहां के लोग बहुत ही खुशमिजाज है। वहां के लोग बहुत ही छोटी-छोटी बातों पर खुश हो जाते हैं।

महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपने आप को साबित किया : अनुष्का

पंजाब की भोली लड़की तानी साहनी का किरदार हो, या वेडिंग प्लानर श्रुति कक्कड़ हरियाणवी पहलवान का आरफा हो या फिर सिंगल मदर सिमरन, एनएच-4 की सशक्त महिला मीरा हो या फिर रिपोर्टर जग्गू हर तरह को जीवंत कर देने वाली अदाकारा अनुष्का शर्मा ने हर रोल को जीवंत किया है। हालांकि क्रिकेटर विराट कोहली से शादी के बाद उनकी यह पहली फिल्म है। अनुष्का शर्मा ने महिलाओं की स्थिति पर कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपने आपको साबित किया है। इसके बावजूद महिलाओं को वह सम्मान और अधिकार नहीं मिला है, जो उन्हें मिलना चाहिए। महिलाओं की स्थिति में भी अभी सुधार की जरूरत है। बॉलीवुड में भी कई फिल्में बनी हैं, महिलाओं पर आधारित है। वह भी कभी ऐसा किरदार नहीं निभाती, जिसमें महिलाओं की गलत छवि पेश की जाए।

दूसरों को ऑब्जर्व करना जरूरी

अभिनय के बारे में अनुष्का ने कहा कि एक अच्छा एक्टर वहीं होता है जो एक अच्छा ऑब्जर्वर होता है। एक्टर बनने के लिए यह गुण जरूर होना चाहिए। मैं बचपन से ही लोगों को ऑब्जर्व करती रहती थी। पिता आर्मी में थे, तो कई शहरों में रही हूं तो कई तरह के लोगों और वातावरण को जानने का मौका मिला है। अनुष्का ने बताया कि उनका जन्म अयोध्या में हुआ है। बहुत छोटी थी तभी बेंगलुरू चली गई थी। उसके बाद कई शहरों में रहीं लेकिन अपनी माटी से तो प्यार होता है, जो कभी भी खत्म नहीं होता।

फिल्मों का निर्माण भी किया है

अनुष्का बताती हैं कि अगर आप किसी मुकाम तक पहुंचना चाहते हैं, तो निंरतर प्रयास करते रहो। उन्होंने मॉडलिंग की, अभिनय किया और अभिनय में रहते हुए उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया। एनएच-10, फिल्लौरी, परी जैसी फिल्मों का निर्माण कर चुकी हैं। फिल्म सुई धागा की रिलीज से पहले अनुष्का पर बने मीम्स के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे बुरा नहीं लगा बल्कि मैंने इसको इंज्वॉय किया। फिल्म रीलीज होने से पहले ही फिल्म का मेरा किरदार ममता काफी हिट हो गया। उन्होंने बताया कि अक्सर फिल्मों की स्क्रिप्ट रोमन में दी जाती है, लेकिन इस फिल्म में मैने देवनागरी में स्क्रिप्ट ली है। किरदार के हिसाब से भाषा और व्याकरण के लिए यह जरूरी था।


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