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वाराणसी जेल में फिर बंदियों का उत्पात, बैरक में लगाई आग

देर रात करीब साढ़े नौ बजे वाराणसी जिला जेल फिर सुलग उठा। परसों के बवाल के बाद कल दिन भर चली पुलिसिया जांच और सख्ती से बेपरवाह बैरक नंबर आठ के बंदियों ने पूर्व जेलर आशीष तिवारी के खास राइटर हरेंद्र सिह की यह कहते हुए जमकर पिटाई कर दी

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 04 Apr 2016 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 04 Apr 2016 11:51 AM (IST)
वाराणसी जेल में फिर बंदियों का उत्पात, बैरक में लगाई आग

लखनऊ। देर रात करीब साढ़े नौ बजे वाराणसी जिला जेल फिर सुलग उठा। परसों के बवाल के बाद कल दिन भर चली पुलिसिया जांच और सख्ती से बेपरवाह बैरक नंबर आठ के बंदियों ने पूर्व जेलर आशीष तिवारी के खास राइटर हरेंद्र सिह की यह कहते हुए जमकर पिटाई कर दी कि अब तुझे कौन बचाएगा। इसके बाद की गई सख्ती के विरोध में बंदियों ने बैरक पांच में आग भी लगा दी।

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बंदियों की हरकत के बाद बड़े बवाल की आशंका में पुलिस का अमला तेजी से सक्रिय हुआ। बड़ी संख्या में फोर्स और फायर ब्रिगेड मंगाए गए। इस बीच जेल प्रशासन ने पूरे परिसर को सील कर दिया। डीआइजी जेल एसके श्रीवास्तव, नए जेल अधीक्षक बीडी पांडेय, पुलिस के अन्य अधिकारियों के साथ जेल के अंदर ही थे। जेल सूत्रों के मुताबिक बवाल की जांच कर रहे डीआइजी रात तक बयान दर्ज कराने में जुटे थे। इसकी औपचारिकता के बाद राइटर हरेंद्र लगभग नौ बजे अपनी बैरक नंबर आठ में लौटा तो बंदी अनिल यादव और संदीप यादव ने उसकी यह कहते हुए पिटाई शुरू कर दी कि तुम्हारा अधिकारी तो अब गया। पुराना बंदी होने के नाते हरेंद्र की तरफ से भी बंदी लामबंद हो गए और दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। बवाल को देखते हुए फौरन जेल में पगली घंटी बजाई गई। इस बीच बंदियों ने पांच नंबर बैरक में कागज-कंबल में आग लगा दी। देर रात करीब 11.30 बजे तक हालात सामान्य हो चुके थे। फोर्स बाहर निकल चुकी थी, मगर उसे जेल के बाहर ही रहने का आदेश दिया जा रहा था।

सुबह भी झलका था आक्रोश

बंदियों का जेल में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर आक्रोश सुबह मिलाई के दौरान भी झलका था। कैदियों ने व्यवस्था पर नजर रखने को ताकझांक जारी रखी थी और बीच में टोकाटोकी भी कर रहे थे। जेलर ने उन्हें ताकीद की तो एक दो बंदियों ने अपशब्दों का भी प्रयोग किया। हालांकि, तब जेल कर्मियों ने नरमी से टाल दिया। उधर, जेल के अंदर का माहौल तनावपूर्ण शांति का लबादा ओढ़े था।

दिन में की थी डीआइजी ने समीक्षा

शनिवार रात से ही जेल में कैंप कर रहे डीआइजी जेल एसके श्रीवास्तव ने नए जेल अधीक्षक बीडी पांडेय व जेलरों के साथ प्रकरण की समीक्षा की। रविवार शाम से जांच शुरू करने की बात भी उन्होंने की थी। जेल अधिकारी बंदियों के असंतोष को यहां की व्यवस्था से न जोड़कर उसे गुटबाजी के रूप में देख रहे हैं। नए जेल अधीक्षक ने शनिवार रात ही कार्यभार ग्रहण कर लिया था। उन्होंने भी कहा कि मामले को वह नए सिरे से समझने की कोशिश करेंगे।

डीआइजी की निगरानी में मुलाकात

बंदियों के संभावित उत्पात के मद्देनजर रविवार सुबह डीआइजी एसके श्रीवास्तव की निगरानी में मिलाई कराई गई। मुलाकातियों की संख्या अपेक्षाकृत कम थी। सुरक्षा के लिहाज से 12 थानों के थानेदार व दर्जनों पुलिसकर्मियों को जेल में तैनात किया गया था। 12 चौकी प्रभारी, 50 सिपाही व दो सीओ भी जेल पर निगाह रखे हुए थे। बावजूद इसके रविवार रात फिर जेल सुलगा।

मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश जारी

जेल में बवाल की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश डीएम ने रविवार शाम जारी कर दिया। नगर मजिस्ट्रेट एसएन शुक्ला को इसकी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर प्रस्तुत करने को कहा गया है। उन्हें खास तौर से निर्देशित किया गया है कि घटना पूर्व नियोजित तो नहीं, इसकी खास तौर से पड़ताल करें।


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