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वंदे भारत एक्सप्रेस : देशी पटरी पर विदेशी सफर का एहसास

यूरोप की ट्रेन सेट ने भरी नई दिल्ली से रफ़्तार। कुल 16 बोगियों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का सफर जितना तेज़ उतना ही शानदार भी है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 07:49 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 08:19 AM (IST)
वंदे भारत एक्सप्रेस : देशी पटरी पर विदेशी सफर का एहसास

लखनऊ, ( वंदे भारत एक्सप्रेस से निशांत यादव)। बिना इंजन के भी ट्रेन तेज गति से भारत में दौड़ सकती है। सन 1990 में की गई ऐसी ही एक ट्रेन की कल्पना शुक्रवार को साकार हुई। यूरोप के विकसित देशों की तरह भारत के देशी पटरी पर भी ट्रेन सेट ने रफ़्तार पकड़ी। देशी पटरी रेल के नए अवतार पर खूब इतराई। विमान की तरह ट्रेन के भीतर सुविधा देखते ही बनी।

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सुबह 11:19 बजे वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली से रवाना हुई। ट्रेन कानपुर 3:30 बजे जब पहुँचती है तो वंदे मातरम और भारत माता की जय के जयकारे गूंज उठते हैं। इस ट्रेन की एक झलक पाने को पूरा स्टेशन उमड़ रहा था। वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 16 बोगियां हैं, जिनमें चेयर कार की 12, एक्सक्यूटिव क्लास की 2 और ड्राइवर कार 2 बोगियां है। ट्रेन में आपको सीट पर ही चार्जर की सुविधा मिलेगी, लेकिन इसके लिए अपनी सीट के नीचे देखना पड़ेगा। इसके गेट में सेंसर लगे हुए हैं। ठीक 4:17 बजे ट्रेन हॉर्न देकर कानपुर से चल पड़ती है। आँखों से ओझल होने तक कैमरे में ट्रेन की तस्वीर कैद करने को हर कोई बेताब।

खैर चेयर कार बोगी सी 3 में दो  सेंट्रल टेबल हैं। एक में 6 सीट और दूसरे में 4 सीटें। सन 1988 में आयी शताब्दी एक्सप्रेस से ये टेबल बिलकुल अलग। सीटे भी ज्यादा आराम दायक। यदि आपको पढ़ाई करना हो तो टच पैनल से लाइट जला सकते हैं। बोगी की दोनों ही छोर पर 2-2 एलईडी लगी हैं। आपकी ट्रैन के आगे आने वाले स्टेशन कौन हैं, उनकी दूरी कितनी है। ट्रेन कितना आ चुकी है और उसकी स्पीड कितनी है ये सब आपको उसमें दिखाई देगा। हर सीट पर एनोउंसेमेंट सुनाई देगी। शाम 5:06 बजे है और ट्रेन फतेहपुर से निकल चुकी है। रेलमंत्री पीयूष और मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के साथ रेलवे बोर्ड चेयर मैन विनोद यादव भी साथ में है। 

ट्रेन कैप्टन अनिल मौला की आवाज़ 5:15 बजे सुनाई देती है तो इलाहाबाद की दूरी 55 मिनट बतायी गई। ट्रेन का शौचालय आधुनिक है ऑटो सेंसर नल पानी की बर्बादी रोकेगा तो दो बोगी के बीच जगह भरपूर है। ट्रेन जगह-जगह स्पीड कम करती है फिर बढाती है। एक्सक्यूटिव क्लास में 52, चेयर कार में 78 और ड्राइवर कोच में 44 सीटें है। ये ट्रेन कम झटके देगी इसके लिए सेमी कपलर लगाये गए हैं। वातावरण के अनुसार ही कूलिंग हो इसके लिए इंटेलिजेंट एयर कंडीशनिंग सिस्टम, एक्सीक्यूटिव क्लास में सीट रोटेट होती है। इसकी खिड़कियों की डिजाइन लाजवाब है। किसी आपात स्थिति में इमरजेंसी अलार्म बटन दबाकर मदद भी मांग सकते हैं।

विदेशों को भी ट्रेन 18 की तकनीक एक्सपोर्ट की जाएंगी

पीयूष गोयल ने कहा 30 और ट्रेन-18 का आर्डर दिया है। सौ और ट्रेन सेट का आर्डर जल्दी देंगे। 180 किलोमीटर की गति से ट्रेन चालने के लिए अपने संसाधन बेहतर करेंगे। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में उन्‍होंने कहा कि मुम्बई हमले के अगले दिन से लोग काम पर चले गए थे। यह बात कहकर उन्‍होंने संदेश दिया की हम डरते नहीं हैं।


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