स्किल मैपिंग के जरिये प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को रोजगार दिलाएगी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार
विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश में वापस लौटे प्रवासी श्रमिक व कामगारों की स्किल मैपिंग के जरिये उन्हें उनकी दक्षता के अनुरूप रोजगार मुहैया कराने की दिशा में काम शुरू हो गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। देश के विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश में वापस लौटे प्रवासी श्रमिक व कामगारों की स्किल मैपिंग के जरिये उन्हें उनकी दक्षता के अनुरूप रोजगार मुहैया कराने की दिशा में काम शुरू हो गया है। राजस्व विभाग ऐसे श्रमिकों के बारे में ब्योरा जुटा कर राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर रहा है। 4.5 लाख से ज्यादा प्रवासियों का डाटा इस वेबसाइट पर फीड किया जा चुका है।
डाटा फीडिंग के काम को अधिक सरल व सुविधाजनक बनाने तथा घर-घर जाकर डाटा इकट्ठा करने के उद्देश्य से राजस्व विभाग ने प्रवासी राहत मित्र एप भी लांच किया है। इस एप पर प्रवासी कामगारों का डाटा अपलोड करने के लिए जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी या वरिष्ठतम एडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। डाटा फीड कराने की जिम्मेदारी नगरी क्षेत्र में जिलाधिकारी/ नगर विकास विभाग/ नगर निकाय तथा ग्रामीण क्षेत्र में जिलाधिकारी/सीडीओ/पंचायती राज विभाग की होगी।
इस एप को राहत आयुक्त के वेब पोर्टल के डैशबोर्ड पर उपलब्ध लिंक से भी डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप में डाटा फीडिंग के लिए तीन स्थल चयनित किए गए हैं। पहला आश्रय स्थल, दूसरा ट्रांजिट प्वाइंट यानी आश्रय स्थल से भिन्न स्थान और तीसरा, प्रवासी व्यक्ति का घर। असके अलावा यह भी दर्ज किया जाएगा कि श्रमिक किस क्षेत्र विशेष में दक्षता रखता है। वह कुशल श्रमिक हैं, अर्ध कुशल हैं या अकुशल। प्रवासी व्यक्तियों के बैंक खाता संख्या, आइएफएससी कोड, बैंक का विवरण भी दर्ज किया जाएगा।
अब तक 4.5 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों अपलोड किया जा चुका है। इनमें श्रम एवं सेवायोजन विभाग को 4.11 लाख प्रवासियों का डाटा उपलब्ध कराया जा चुका है जिसे सेवायोजन विभाग के पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा। सेवायोजन विभाग स्वरोजगार से जुड़े कार्य करने वाले प्रवासी कामगारों का ब्योरा सेवा मित्र मोबाइल एप पर भी दर्ज कराएगा जिससे कि क्षेत्र विशेष के लोग यह जान सकें कि उनके इलाके में कौन-कौन से प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन आदि उपलब्ध हैं।