यूपी में शुरू की गई स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया, फिर से बुक करना होगा टाइम स्लॉट
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने कोरोना संक्रमण के कारण लंबित पड़े ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में केवल स्थायी लाइसेंस ही बनाए जाएंगे।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने कोरोना संक्रमण के कारण लंबित पड़े ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में केवल स्थायी लाइसेंस ही बनाए जाएंगे। आरटीओ ऑफिस में अप्वाइंटमेंट के लिए तीन टाइम स्लॉट निर्धारित किए गए हैं। पहला सुबह 10 से 12, दूसरा दोपहर 12:30 से 2:30 व तीसरा दिन में तीन बजे से पांच बजे तक का होगा। वहीं, एक फरवरी के बाद समाप्त हो रहे लर्निंग लाइसेंस 30 जून तक मान्य कर दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि लंबित ड्राइविंग लाइसेंस निस्तारण के लिए एनआइसी ने एक सॉफ्टवेयर बनाया है। इसका प्रयोग शुरू कर दिया गया है। इस व्यवस्था के तहत मुख्यालय स्तर से स्थायी लाइसेंस के लिए पूर्ववत निर्धारित कोटा बहाल करते हुए लंबित आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे लर्निंग लाइसेंस जिनकी वैधता एक फरवरी 2020 के बाद समाप्त हो रही थी, उसकी वैद्यता 30 जून तक बढ़ा दी गई है।
परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि जिला स्तर पर लाइसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदकों द्वारा पूर्व में बुक कराए गए अप्वाइंटमेंट निरस्त किए जा रहे हैं। आवेदक के मोबाइल पर एक मैसेज प्राप्त होगा कि कोविड-19 के दृष्टिगत उनके द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बुक अप्वाइंटमेंट निरस्त कर दिया गया है तथा वह नया ले सकते हैं। आवेदक द्वारा पूर्व में जमा की गई फीस मान्य होगी। मैसेज प्राप्त होने के उपरांत आवेदक सारथी पोर्टल पर पूर्व एप्लीकेशन नंबर से नया अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। आवेदक सुविधानुसार तारीख एवं टाइम स्लॉट का चयन करेंगे। निर्धारित तारीख व समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर प्रपत्रों की स्क्रूटनी, बॉयोमीट्रिक और ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट संबंधी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।