Pollution in Lucknow: चिंपैंजी पड़ा सुस्त, हिरण भी नहीं कर रहे चहलकदमी Lucknow News
लखनऊ में बढ़ रहा वायु प्रदूषण से प्राणी उद्यान में रह रहे वन्यजीवों की बिगाड़ रहा सेहत।
लखनऊ, जेएनएन। चाहे चिंपैंजी का बाड़ा हो या चिडिय़ों का आशियाना, हर ओर एक अजीब सी खामोशी ने पांव पसार रखे हैं। इनकी जो चहलकदमी लोगों को अपनी ओर खींचती थी, वो कुछ दिनों से गुम है। शहर में बढ़ रही धुंध इंसानों के साथ ही वन्यजीवों की सेहत भी खराब कर रही है। हिरण, कबूतर, सारस जैसे कई वन्यजीवों की तबीयत खराब हो गई है।
पशुचिकित्सकों की मानें तो वन्यजीवों में सूंघने की क्षमता अधिक होती है। इससे उन पर प्रदूषण का भी असर जल्दी होता है। एक्यूआई 400 से अधिक हो जाता है तो वन्यजीवों के बीमार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रदूषण से जानवरों में चिड़चिड़ापन आ जाता है। कमजोरी आ जाती है। आंखें लाल होने के साथ ही उसमें से पानी आने लगता है। इसके अलावा सांस लेना मुश्किल हो जाता है और बाल भी झडऩे शुरू हो जाते हैं।
चिडिय़ाघर के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि मौसम और प्रदूषण का जो प्रभाव इंसानों पर पड़ता है, वही प्रभाव वन्यजीवों पर भी पड़ता है। ऐसे में उनके खान-पान पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। वन्यजीवों को इस प्रदूषण से बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूरी चिकित्सक टीम और कीपर्स काफी सतर्कता बरत रहे हैं। वन्यजीवों को प्रदूषण से बचाने के लिए खाने के साथ मिनरल, कैल्शियम, फॉस्फोरस और मल्टी विटामिन की दवाएं दी जा रही हैं।
हवासील पड़ी शांत
जू में सबसे चंचल और एक्टिव रहने वाली हवासील इस समय शांत है। मौसम के इस मिजाज ने उनकी फुर्ती भी कम कर दी है। वे चुपचाप एक किनारे बैठी रहती हैं। हाव-भाव से वे सुस्त दिखाई दिखाई दे रही थीं।
एक जगह बैठा चिंपैंजी
चिडिय़ाघर के स्टार वन्यजीव में शुमार चिंपैंजी भी सुस्त दिखाई दिया। धुंध के कारण वह काफी देर तक एक जगह बैठा रहा। दर्शक उसे काफी देर तक आवाज लगाते रहे, लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अमूमन चिंपांजी बहुत सक्रिय रहता है और दर्शकों के आवाज लगाते ही उन्हें चिढ़ाने लगता है।
-चलना भी पसंद नहीं कर रहे हिरण
हिरणों को भी प्रदूषित ने अपने आगोश में ले लिया है। अक्सर हिरण के बाड़े में जितनी फूर्ती दिखती थी, वह बुधवार को नहीं दिखाई दी। खासकर हॉट डियर बिल्कुल सुस्त दिखाई दिए।
पक्षियों को भी हो रही परेशानी
न तेज आवाज और न ही उछल कूद। जू में मौजूद विभिन्न तरह की चिडिय़ों को भी बढ़ते प्रदूषण से काफी परेशानी हो रही है। बाड़े में ज्यादातर पक्षी एक ही जगह बैठे रहे।