उत्तर प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कांक्लेव 2022 : पर्यावरण बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों का करें प्रयोग
यूपी के नगर विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई गई है। इसको जमीन पर उतारने के लिए सभी को सहयोग करना होगा। प्रकृति में सभी चीजों की रिसाइकिलिंग होती है। लोग प्लास्टिक का प्रयोग कर इस व्यवस्था पर व्यवधान न डालें।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के नगर विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि पर्यावरण को बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को अब सभी अपने दैनिक जीवन से निकाल दें और प्लास्टिक के विकल्पों का प्रयोग करें। अधिकारियों से कहा कि प्लास्टिक के पूर्ण प्रतिबंध के लिए दैनिक शर्तों के साथ कुछ नई शर्तों को जोड़ा जाए व नियमों को कठोरता से लागू किया जाए।
उत्तर प्रदेश को सिंगल यूज प्लास्टिक और इससे बनी सामग्री के प्रयोग से मुक्त करने के लिए रेस कार्यक्रम के तहत अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त दिवस के अवसर पर रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 'उत्तर प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कांक्लेव 2022' आयोजित किया गया। इस दौरान मंत्री शर्मा ने कहा कि हर अच्छे कार्य की शुरुआत हम सभी के संयुक्त प्रयास से होती है। इसकी शुरुआत भी हम सभी को अभी करनी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाई है। इसको जमीन पर उतारने के लिए सभी को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रकृति में सभी चीजों की रिसाइकिलिंग होती है। लोग प्लास्टिक का प्रयोग कर प्रकृति की रिसाइकिलिंग व्यवस्था पर व्यवधान न डालें।
प्लास्टिक खतरनाक रसायन हाड्रोकार्बन व पेट्रो केमिकल्स से बनाया जाता है। इधर-उधर फेंकने से मिट्टी में मिल जाता है। पानी में बहकर नदियों व समुद्र तक पहुंच जाता है। इस प्लास्टिक कचरे को गाय, अन्य जानवर, मछलियां व दूसरे जलीय जीवों खाते हैं, जिसका दुष्प्रभाव मनुष्यों तक भी पहुंचता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक को एक जुलाई से पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। कांक्लेव की थीम थ्री आर (रियूज, रिसाइकिल व रिड्यूज) है। लोगों को इन्हें अपने दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए। प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर स्थिति के लिए हमारी अति आधुनिकता भी जिम्मेदार है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. अरुण कुमार सक्सेना ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव बताते हुए कहा, मिट्टी का अनुपजाऊ होना, कृषि उत्पादन में कमी होना, नदियों और नालों में बहाव की समस्या इसी कारण है। प्लास्टिक 500 वर्ष तक नष्ट नहीं होता और इसके माइक्रो कण मिट्टी, पानी आदि में मिल जाते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश में एक माह के भीतर प्लास्टिक के प्रयोग में कमी दिखेगी। उन्होंने लोगों से प्लास्टिक का विकल्प प्रयोग करने के साथ ही पौधारोपण के दिन पौधे लगाने की भी अपील की।
महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया, महानिदेशक जर्मन संघीय मंत्रालय डा. रेगिना दूबे व प्रभारी, जर्मन संघीय गणराज्य डा. स्टीफन ग्राभेर ने प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कांक्लेव-2022 के अंतर्गत हुए कार्याें की सराहना की। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह, सचिव नगर विकास रंजन कुमार, सचिव वन एवं पर्यावरण आशीष तिवारी, निदेशक नगरीय निकाय नेहा शर्मा के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पांच दिन में पांच हजार क्विंटल प्लास्टिक इकट्ठा करने में लखनऊ अव्वल : नगर विकास, पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से जीआइजेड के सहयोग से जनजागरूकता के लिए रेस फार सिंगल-यूज प्लास्टिक फ्री उत्तर प्रदेश महा अभियान 29 जून से तीन जुलाई तक पूरे प्रदेश में चलाया गया। मंत्री शर्मा ने अभियान के दौरान 734 नगरीय निकायों की ओर से 5000 क्विंटल प्लास्टिक इकट्ठा करने पर धन्यवाद दिया व अच्छा कार्य करने वाले तीन सर्वश्रेष्ठ नगर निगम को सम्मानित किया। इसमें लखनऊ प्रथम, कानपुर नगर को द्वितीय व गाजियाबाद और आगरा को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला है।
स्वच्छता के लिए सभी ने ली प्रतिज्ञा : 'स्वच्छता एवं ग्रीन भारत शपथ बोर्ड' पर सभी ने साइन करके स्वच्छता की प्रतिज्ञा ली। इस मौके पर दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। तीन विभिन्न तकनीकी सत्रों का भी आयोजन हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के संबंध में वीडियो संदेश सुनाया गया। कांक्लेव में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की नवीन तकनीकों व प्लास्टिक के विकल्प उत्पादों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। सिंगल यूज प्लास्टिक के विभिन्न विकल्पों पर अनेक स्टार्ट-अप की ओर से प्रस्तुतीकरण भी किया गया।