Lockdown 2 in Lucknow: कम्युनिटी किचन लंबे समय तक चलेेंगे, लंबी है ये लड़ाई : सुरेश खन्ना
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने एलडीए के कम्युनिटी किचन का किया निरीक्षण।
लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश के वित्त संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार की सुबह एलडीए के गोमती नगर विस्तार स्थित कम्युनिटी किचन का निरीक्षण कर के कहा कि ये लड़ाई लंबी है। इसलिए व्यवस्था को आगे भी जारी रखना पड़ेगा। ताकि अधिक सेे अधिक लोगों को भोजन करवाया जा सके। मंत्री ने कहा कि कोरोना फाइटर्स के खिलाफ किसी भी तरह की हरकत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
सुरेश खन्ना लखनऊ प्रभारी मंत्री भी है। इस दौरान उन्होंने गोमती नगर विस्तार स्थिति कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया; जहां साफ सफाई, खाने की गुणवत्ता देख सुरेश खन्ना काफी प्रभावित दिखे। उन्होंने कहा कि कोई भूखा न रहे इसे प्राथमिकता दी गयी है। उन्होने इस अभियान में जुड़ कर सहयोग देने वाली संस्थाओं का भी आभार व्यक्त किया कि इस आपातकाल में सरकार के प्रयास के साथ लोग सहयोग करके कम्युनिटी किचन जैसे अभियान को आगे बढ़ा रहे है। सुरेश खन्ना ने कहा इस आपातकाल में जनता की सेवा में जुड़े चिकित्सक, पुलिस या अन्य कर्मचारियों के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
दिन से काम कर रहे कर्मचारियों ने मांगा आराम
एलडीए के कम्युनिटी किचन में तैनात कर्मचारियों ने मांग की है कि वे पिछले करीब 20 दिन से अपने परिवारों को बहुत कम समय दिए बिना काम कर रहे हैं। इसलिए अब अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी भी यहां लगाई जाए ताकि वे कुछ समय राहत लेे सकें। कर्मचारियो का कहना है कि कम्युनिटी किचन के काम के लिए किसी तरह की विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। कोई भी कर्मचारी ये काम कर सकता है। इसलिए अब नए लोगों की ड्यूटी लगाई जाए।
प्राधिकरण में करीब 1600 कर्मचारी हैं। जिनमें से गोमती नगर और जानकीपुरम के कम्युनिटी किचन में 50 कर्मचारी 28 मार्च से काम कर रहे हैं। भोजन बनवाने से लेकर ये कर्मचारी भोजन के वितरण तक में सहयोग करते हैं। बहुत ही लगन और मेहनत से लगातार काम कर रहे हैं। प्राधिकरण कर्मचारी यूनियन के महामंत्री दिनेश शुक्ल भी कम्युनिटी किचन में तैनात हैं। उनका कहना है कि हम अपने परिवारों को इस दौरान बहुत कम समय दे सके हैं। इसलिए जरूरी है कि अब कर्मचारियों को बदला जाए। उन्होंने साप्तहिक या अन्य किसी भी तरह की छुट्टी तक नहीं ली है। अब राहत मिलनी चाहिए। ताकि तैनात कर्मचारी कुछ राहत मिल सके। उच्च अधिकारियों से मांग की जा रही है।