यूपी में नए ईको टूरिज्म सर्किट विकसित करने जा रही सरकार, आगरा व चंबल के जंगलों में कर सकेंगे नेचर वॉक
ईको टूरिज्म सर्किट में आगरा-चंबल सर्किट सबसे महत्वपूर्ण व रोमांच से भरपूर माना जा रहा है। इसमें चंबल के बीहड़ों की भी सैर कराई जाएगी। यहां ऊट व घोड़े की सवारी आकर्षण का केंद्र होगी। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी में घड़ियाल व कछुआ दिखाया जाएगा।
लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश सरकार प्रकृति और वन्यजीवों से प्रेम के प्रतीक के रूप में नए ईको टूरिज्म सर्किट विकसित करने जा रही है। आगरा-चंबल सर्किट इनमें से एक होगा। इसमें आगरा के ताजमहल के आस-पास ग्रीन बेल्ट में नेचर वॉक से लेकर कीठम झील में खूबसूरत देशी-विदेशी पक्षी निहारने को मिलेंगे। भालू संरक्षण केंद्र से लेकर इटावा का लायन सफारी भी इस सर्किट में जोड़ा जा रहा है। बिजनौर में स्थित अमानगढ़ टाइगर रिजर्व व शिवालिक रेंज को लेकर एक नया ईको टूरिज्म सर्किट बनाया जाएगा।
अभी ईको टूरिज्म के नाम पर वन निगम के पास दुधवा टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट व पीलीभीत स्थित चूका बीच है। इसी को देखते हुए सरकार ईको टूरिज्म के नए सर्किट विकसित करने जा रही है। वन विभाग के अफसर पर्यटन के लिजाज से क्षेत्र चिह्नित कर उनमें ईको टूरिज्म शुरू करेंगे। इसमें स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने के साथ ही होम स्टे को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रमुख सचिव वन सुधीर गर्ग के अनुसार ईको टूरिज्म के नए सर्किट विकसित करने के लिए विभाग के अफसरों की टीम लगाई गई है। इसमें स्थानीय लोगों को जोड़ा जाएगा। उन्हें नेचर गाइड बनाने से लेकर आस-पास होम स्टे को बढ़ाया दिया जाएगा।
चंबल के बीहड़ों की भी सैर : आगरा-चंबल सर्किट सबसे महत्वपूर्ण व रोमांच से भरपूर माना जा रहा है। इसमें चंबल के बीहड़ों की भी सैर कराई जाएगी। यहां ऊट व घोड़े की सवारी आकर्षण का केंद्र होगी। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी में घड़ियाल व कछुआ दिखाया जाएगा। यहां रात में चमकते तारे भी दिखाने की व्यवस्था की जा रही है। पर्यटक यहां बोटिंग का भी मजा ले सकेंगे। वन विभाग ने आगरा के नदगवां में कैंपिंग साइट भी खोजी है। यहां टेंट लगाकर पर्यटकों को रात्रि विश्राम कराया जाएगा।
नेचर वॉक व विरासत वृक्ष भी देख सकेंगे : अमानगढ़ व शिवालिक सर्किट में जंगल सफारी के साथ ही नेचर वॉक व विरासत वृक्षों को दिखाया जाएगा। यहां पीली बांध में पर्यटक बोटिंग का लुत्फ उठाएंगे। इसके लिए सिंचाई विभाग से एनओसी ली जाएगी। यहां पर भी गाथला में कैंपिंग साइट विकसित करने की तैयारी है। इस सर्किट में पर्यटकों को खेतों की भी सैर कराई जाएगी। गुर्जर समुदाय के गांव व उनका रहन-सहन भी इस सर्किट में आकर्षण का केंद्र होगा।
ऑनलाइन होगी बुकिंग : ईको टूरिज्म के नए सर्किट विकसित होने के बाद इनमें ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी। टूर पैकेज इस तरह से बनाये जाएंगे ताकि एक जगह बुकिंग करने पर रहना, खाना-पीना व घूमने आदि सभी तरह के प्रबंध हो सकें। पर्यटकों के प्रत्येक वाहन पर नेचर गाइड जरूर जाएगा। नेचर गाइड ही विस्तृत जानकारियां पर्यटकों को देंगे।
इनमें भी संभावनाएं जा रही हैं तलाशी : विंध्य फारेस्ट सर्किट में कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, चंद्रप्रभा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, हाथीनाला रेणुकूट, विजयगढ़ व चुनार आदि क्षेत्र को लेकर भी ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसी प्रकार इस्टर्न वाइल्ड लाइफ सर्किट में सोहेलवा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, सोहागीबरवा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी व पार्वती अरगा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में भी पर्यटन की संभावनाएं देखी जा रही हैं।