Move to Jagran APP

उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट से तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी

उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने आज तीन महत्वपूर्ण फैसलों पर अपनी मंजूरी की मुहर लगा दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 14 Nov 2017 07:47 PM (IST)Updated: Wed, 15 Nov 2017 08:23 AM (IST)
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट से तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट से तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 10 जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए निश्शुल्क जमीन देने का फैसला हुआ है। बैठक में कुल तीन निर्णय हुए। सूबे के जिन 10 जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए निश्शुल्क जमीन देने का निर्णय किया गया है, इनमें से छह जिलों-संभल, अमरोहा, अमेठी, कासगंज, हरदोई व बहराइच में कृषि विभाग जमीन मुहैया कराएगा।

loksabha election banner

वहीं चार जिलों-शामली, गोंडा, जौनपुर व बदायूं में राजस्व विभाग ग्राम सभा की जमीन उपलब्ध कराएगा। संभल, अमरोहा, अमेठी, कासगंज, बहराइच, शामली, गोंडा, जौनपुर तथा बदायूं में स्थापित होने वाले कृषि विज्ञान केंद्र सम्बन्धित कृषि विश्वविद्यालय द्वारा और हरदोई में स्थापित होने वाला केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित होना है। इन जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए जमीन हस्तांतरित करने के लिए कृषि और राजस्व विभागों ने अनापत्ति प्रदान कर दी है।

कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए जमीन का चयन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने किया है। कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए चिन्हित भूमि को (हरदोई की भूमि को छोड़कर) कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के माध्यम से सम्बन्धित कृषि विश्वविद्यालयों के पक्ष में निश्शुल्क हस्तांतरण किया जाएगा। हरदोई की भूमि लीज के माध्यम से आइसीएआर की संस्था आइआइपीआर कानपुर को दी जानी है। 

लखनऊ में ही मंजूर हो जाएंगी गंगा बेसिन की बाढ़ परियोजनाएं 

कैबिनेट ने लखनऊ में गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के क्षेत्रीय निदेशालय की स्थापना के लिए राजधानी के उतरेटिया क्षेत्र में सिंचाई विभाग की 5000 वर्ग मीटर जमीन मुहैया कराने का निर्णय किया है। यह जमीन गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग को उपलब्ध करायी जाएगी। इस जमीन की कीमत सात करोड़ रुपये है। जमीन की कीमत का भुगतान सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को किये जाने के बाद गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग को भूमि ट्रांसफर कर दी जाएगी।

क्षेत्रीय निदेशालय खुलने का फायदा यह होगा कि प्रदेश में गंगा बेसिन की बाढ़ परियोजनाओं की मंजूरी के लिए फाइलों को गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के पटना स्थित मुख्य कार्यालय नहीं भेजना होगा। परियोजनाओं को लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय से ही मंजूरी मिल जाएगी। लखनऊ में कार्यालय होने की वजह से सिंचाई विभाग परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए आयोग में प्रभावी पैरवी भी कर सकेगा। 

पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ी

योगी सरकार ने उप्र पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने का फैसला भी किया है। सरकार ने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 28 मार्च 2012 से बढ़ाने का निर्णय किया है। निगम में कुल चार कर्मचारी हैं। सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 60 वर्ष करने के लिए निगम के कर्मचारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में निगम के निदेशक मंडल ने 28 मार्च 2012 को इस बारे में प्रस्ताव पारित किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.