खेल प्रशिक्षकों की कमी से जूझ रहा उत्तर प्रदेश, केडी सिंह बाबू स्टेडियम में 17 की जगह मात्र सात कोच
उत्तर प्रदेश प्रशिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है। यहां कई खेल तो ऐसे हैं जिनमें कोच ही नहीं हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान लगे प्रतिबंध के कारण दो साल से बंद रहे स्टेडियमों में प्रशिक्षकों की दोबारा नियुक्ति नहीं हो सकी है।
लखनऊ, [हितेश सिंह]। खेलों में विशेष पहचान बनाने वाला उत्तर प्रदेश अब प्रशिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। कई खेल तो ऐसे हैं, जिनके कोच ही नहीं हैं। जिन खेलों में प्रशिक्षक तैनात भी हैं, वहां खिलाड़ियों की संख्या बहुत ज्यादा है। कोरोना काल से पहले प्रदेशभर में 450 पदों के सापेक्ष 377 ही अंशकालिक प्रशिक्षक तैनात थे।
कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से बंद रहे स्टेडियमों में प्रशिक्षकों की दोबारा नियुक्ति नहीं हुई। उस दौरान तैनात 377 प्रशिक्षकों की संख्या घटकर मात्र 156 रह गई। इसके बाद जेम पोर्टल के माध्यम से शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया से कुछ प्रशिक्षकों ने किनारा कर लिया तो कुछ को गृह जनपद में तैनाती नहीं मिली। रिन्युअल न करने को लेकर कई प्रशिक्षकों ने विरोध किया और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाई कोर्ट ने प्रशिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया, पर खेल निदेशालय हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हुआ और जेम पोर्टल से भर्ती प्रक्रिया जारी रखी। इसके बाद प्रशिक्षकों ने दोबारा हाई कोर्ट का सहारा लिया। फिर कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया रोक दी। अब प्रशिक्षक कोर्ट के फैसले की राह निहार रहे हैं।
कोच नहीं तो सीनियर से सीख रहे बच्चे : स्टेडियम खुलने पर बच्चों को या तो उनके सीनियर सिखा रहे हैं या फिर वह स्वयं वार्मअप करके घर चले जा रहे हैं। यह स्थिति सिर्फ पिछड़े जिलों की ही नहीं है, बल्कि लखनऊ की भी है। केडी सिंह बाबू स्टेडियम में 17 की जगह सात तो चौक स्टेडियम में 13 की जगह मात्र तीन प्रशिक्षक ही तैनात हैं।
विजयंतखंड स्टेडियम में छह की जगह चार और विनयखंड मिनी स्टेडियम में तीन के स्थान पर एक प्रशिक्षक तैनात है। वहीं, विभागीय प्रशिक्षकों की बात करें तो क्रीड़ाधिकारी के 59, उप क्रीड़ाधिकारी के 102, सहायक प्रशिक्षक के 48 पद हैं। कुल 209 पदों के सापेक्ष 139 प्रशिक्षक ही तैनात हैं।
प्रशिक्षकों की भर्ती का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में है। इनकी भर्ती पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। जैसे ही मामले का निस्तारण होगा, भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। -डा. आरपी सिंह, खेल निदेशक, उत्तर प्रदेश