UP News: महिलाओं के लिए भी याे-यो टेस्ट हुआ अनिवार्य, उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने लिया अहम फैसला
Uttar Pradesh Cricket Association एनसीए विशेषज्ञों के साथ बहुत विचार विमर्श के बाद लड़कियों के लिए भी उत्तर प्रदेश टीमों के सभी परीक्षणों में यो-यो टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इससे टीमों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। क्रिकेटरों की नई पीढ़ी के लिए 'फिटनेस' उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का नया मंत्र है। राज्य निकाय ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के अधिकारियों के साथ परामर्श के बाद यह अनिवार्य कर दिया है कि आयु वर्ग के क्रिकेट में भी किसी को भी यो-यो टेस्ट पास किए बिना टीम में जगह बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यूपीसीए के निदेशकों में से एक व भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि एनसीए विशेषज्ञों के साथ बहुत विचार-विमर्श के बाद लड़कियों के लिए भी उत्तर प्रदेश टीमों के सभी परीक्षणों में यो-यो टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इससे टीमों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हमने एनसीए के विशेषज्ञों को काम पर रखा और अपनी व्यवस्था की और राज्य स्तर पर आयु वर्ग परीक्षणों में भी इस यो-यो परीक्षण को लागू किया और कुछ प्रमुख नामों सहित कई क्रिकेटरों को भी बाहर निकलने का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनमें से कोई भी यो-यो टेस्ट पास नहीं कर सका।
हर स्तर पर विशेषज्ञों की एक श्रृंखला
पिछले कुछ वर्षों से हम यूपीसीए के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं, और अब प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और यूपीसीए को चलाने के लिए हमारे पास हर स्तर पर विशेषज्ञों की एक श्रृंखला है। पूर्व में यूपीसीए के सचिव रह चुके शुक्ला ने इस विचार को मानने से इनकार कर दिया कि इस यो-यो टेस्ट को जिला स्तर के परीक्षणों में भी अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं क्योंकि जिला इकाइयों के पास उस स्तर पर यो-यो परीक्षण करने के लिए वह विलासिता नहीं होगी। वास्तव में, हम इसे राज्य स्तर पर कर रहे हैं।
वाराणसी के बाद गाजियाबाद में स्टेडियम
वाराणसी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के मुद्दे पर कहा कि यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्टेडियमों में से एक होने जा रहा है और यह यूपीसीए का बच्चा बना रहेगा। उन्होंने कहा एमओयू के अनुसार, राज्य सरकार हमें जमीन उपलब्ध करा रही है और यूपीसीए की जिम्मेदारी है कि वह इसे अपने दम पर बनाए। वाराणसी में स्टेडियम के साथ ही हम गाजियाबाद स्टेडियम के बारे में सोचेंगे।