10th Convocation of Bhatkhande Singing Institute: गायन में उसमीत सिंह व कथक में प्रिया सैनी ने मारी बाजी, 117 स्टूडेंट्स को मिली डिग्री
भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय का दसवां दीक्षा समारोह सोमवार को मनाया गया। संस्थान के स्नातक एवं परास्नातक के 117 और पीएचडी के छह शोध छात्र/छात्राओं को डिग्री दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की व अकादमी के अध्यक्ष डा. राजेश्वर आचार्य मुख्य अतिथि रहे।
लखनऊ, जेएनएन। संगीत साधना का नाम है, इसके साथ संघर्ष भी जुड़ा है। साधना और संघर्ष के मेल से सफलता के सुर सजे। सुर साधकों की मेहनत का सम्मान हुआ। भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय का दसवां दीक्षा समारोह सोमवार को मनाया गया। संस्थान के स्नातक एवं परास्नातक के 117 और पीएचडी के छह शोध छात्र/छात्राओं को डिग्री दी गई। कला मंडपम् में हुए दीक्षा समारोह में उप्र संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष डा. राजेश्वर आचार्य मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। गायन विभाग के उसमीत सिंह ने सर्वाधिक छह पदकों के साथ विश्वविद्यालय में पहला स्थान हासिल किया। वहीं, कथक विभाग की प्रिया सैनी विश्वविद्यालय में दूसरे स्थान पर रहीं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मैं उन अभिभावकों का अभिनंदन करती हूं जिन्होंने भारतीय संगीत की शिक्षा ग्रहण करने और आगे बढ़ाने के लिए अपने बच्चों को प्रोत्साहित किया। धार्मिक एवं आध्यामिक विकास के साथ कला भी विकसित हुई। कला जीवन का उत्सव है। हमें अपने पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान प्रकट करना चाहिए। साथ ही उनके संरक्षण का प्रयास करना चाहिए। संगीत, नृत्य, नाटक सभी के लिए कड़े अनुशासन की जरूरत होती है जीवन में अनुशासित रहें और उपलब्धियां हासिल करें।
राज्यपाल ने आगे कहा, मुझे ऐसा कुलपति चाहिए जो पूरा समय विश्वविद्यालय को दे। ये उसका दायित्व भी है। अगर कहीं व्याख्यान के लिए भी जाना है तो कुलाधिपति की अनुमति जरूरी है। सबके लिए अनुशासन के नियम बने हैं, इनका पालन करना चाहिए।
उन्होंने बेटियों के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जताई। बोलीं, लड़कियों की सेहत अच्छी हो, इसके लिए भी विश्वविद्यालयों में काम करने की जरूरत है। छात्राओं के सेहत की चिंता भी विश्वविद्यालय के कुलपति और शिक्षक करें। हमारी छात्राएं स्वस्थ हों, सशक्त हों ये हमारा लक्ष्य होना चाहिए। कुलपति सभी छात्राओं का ब्लड टेस्ट कराएं और जो एनीमिक हैं, उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हर संभव प्रयास करें।
मुख्य अतिथि उप्र संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने कहा कि ज्ञान की यात्रा अनंत अनादि है। हम यदि भूल जाएं कि लक्ष्य क्या है तो मार्ग भटकता है। समस्त शैक्षिक मूल्यों के आगे एक लक्ष्य है-नैतिकता का सृजन। आत्मशोधन से आगे बढ़ते रहें। खुद को संगीत को सौंप दे, संगीत आपको दुनिया सौंप देगा।
कुलपति/मंडलायुक्त रंजन कुमार ने कहा कि वर्तमान शैक्षिक सत्र चुनौतीपूर्ण था। बिना गुरु के सामीप्य के संगीत शिक्षा संभव नहीं। फिर भी संस्थान ने आनलाइन माध्यम का प्रयोग कर सत्र पूरा किया।अब विधिवत कक्षाएं हो रहीं। हमने कई वेबिनार किए, जिसमें देश दुनिया के सर्वोच्च कलाकारों ने शामिल होकर हमारा मान बढ़ाया। मिशन शक्ति के तहत नव रस कार्यक्रम हुआ। वेणु उत्सव भी मनाया। भाव रंग कार्यक्रम में सितार सारंगी की जुगलबंदी भी उल्लेखनीय रही। विश्वविद्यालय अनुदान से हमारी गतिविधियां संचालित होती हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि इसे राज्य संगीत विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाया जा सके।
एमपीए डिग्री एवं स्वर्ण पदक
उसमीत सिंह (गायन), एसएमआइसी सूर्यनायका (सारंगी), ज्योति सिंह (तबला), प्रिया सैनी (कथक), कृति सिंह (भरतनाट्यम)
बीपीए डिग्री एवं स्वर्ण पदक
अनुपम सिंह (कथक), आम्रपाली गुप्ता (गायन), आइडी रूवानी मघुमानथिका (वायलिन), रमनदीप सिंह (तबला), श्रुति श्रीवास्तव (भरतनाट्यम)
एमपीए एवं बीपीए डिग्री और रजत पदक
प्रिया सैनी (कथक), प्रिया नन्ची (गायन), मनोज कुमार (सितार), जसवंत सिंह (तबला), कृति सिंह (भरतनाट्यम), दिव्या सिंह (कथक), कर्नूरी हरीश (गायन), दिनेश कुमार रावत (बांसुरी), अनिल कुमार मिश्रा (तबला)
एमपीए एवं बीपीए डिग्री और कांस्य पदक
प्रिया नन्ची (गायन), प्रज्ञा विवेक मिश्रा (गायन), शिप्रा सिंह (सितार), आयुष प्रकाश श्रीवास्तव (तबला), श्रद्धा सक्सेना (कथक), अनुष्का त्रिपाठी (कथक), सौम्या श्रीवास्तव (गायन), एमडब्ल्यू एम वीराज (सारंगी), मोहित कुमार विश्वकर्मा (तबला)
पीएचडी उपाधिधारक
विशेष नारायण मिश्रा, मनीषा मिश्रा, देश गौरव सिंह, अंकित श्रीवास्तव, मंजूषा सर्वेश जोशी और स्व. भरत कुमार मिश्रा।