UPPCL Update: उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहे आनलाइन बिल, न मिल रही है बिजली जाने की सूचना
करीब तीन साल पहले ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सभी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर फीड करने के निर्देश दिए थे। पूर्व मध्यांचल एमडी अरविंद राजवेदी एपी सिंह एससी झा और संजय गोयल के कार्यकाल में भी यह उपभोक्ताओं के नंबर फीड नहीं किए जा सके।
लखनऊ, जेएनएन। उपभोक्ता देवो नम : के स्लोगन भले उपकेंद्रों पर देखने को मिल जाए, लेकिन एक सामान्य उपभोक्ता की सुनवाई तो छोड़िए, उनके मोबाइल नंबर बिजली विभाग फीड नहीं कर पा रहा है। ऐसे में मोबाइल पर बिजली बिल मुहैया कराने का सपना आज तक सपना ही बना हुआ है। यही नहीं बिजली आने व जाने की जानकारी उपभोक्ता को मोबाइल पर देनी थी। फिलहाल इसका ग्राफ दस फीसद कुल उपभोक्ताओं की संख्या का है। यही नहीं सर्किल के अधीक्षण अभियंता हो या क्षेत्र का अवर अभियंता उसका भी इस बात पर कोई जोर नहीं देता कि मोबाइल नंबर उपभोक्ताओं के क्यों संकलित नहीं किए जा रहे हैं।
करीब तीन साल पहले ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सभी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर फीड करने के निर्देश दिए थे। पूर्व मध्यांचल एमडी अरविंद राजवेदी, एपी सिंह, एससी झा और संजय गोयल के कार्यकाल में भी यह उपभोक्ताओं के नंबर फीड नहीं किए जा सके। कुल मिलकर मीटर रीडिंग एजेंसियों के कर्मी टेबल रीडिंग तक ही सीमित रहे। इसके कारण एक बिजली उपभोक्ता को सुविधा न मिलकर अब तक दुविधा का ही सामना करना पड़ रहा है।
1912 पर लाखों खर्च, बना शोपीस
बिजली विभाग ने 1912 पर को चालू करने में करोड़ों खर्च किए और हर माह निजी एजेंसी को लाखों रुपये भले पेमेंट किया जा रहा हो, लेकिन आम उपभोक्ता को 1912 से कोई विशेष लाभ नहीं है। न आज तक 1912 के रिकार्ड जारी किए गए कि कितनी शिकायतों का निस्तारण हुआ और न उपभोक्ताओं को शिकायत करने के बाद फीड बैक कॉल सौ फीसद होती है। स्थिति यह है कि इस सेंटर को किसी मुहल्ले में बिजली गई है, उसकी जानकारी तक नहीं है। घंटों फोन मिलाने के बाद भी यहां कभी कभी फोन नहीं उठता।