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अब निजी हाथों में मेट्रो का संचालन देने की तैयारी, UPMRC को हर साल होगा फायदा

UPMRC News लखनऊ छोड़ आगरा व कानपुर को 12 साल पर लीज देने की कवायद। रोलिंग स्टॉक व सिगनल का काम ही सिर्फ दिया जाएगा। लखनऊ मेट्रो का संचालन व सिगनलिंग फिलहाल यूपीएमआरसी पहले की तरह करता रहेगा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:25 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:25 AM (IST)
अब निजी हाथों में मेट्रो का संचालन देने की तैयारी, UPMRC को हर साल होगा फायदा
UPMRC News: लखनऊ छोड़ आगरा व कानपुर को 12 साल पर लीज देने की कवायद।

लखनऊ [अंशू दीक्षित]। UPMRC: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) ने मुंबई की तर्ज पर कानपुर व आगरा  में मेट्रो संचालन से लेकर सिगनल का पूरा काम निजी हाथों में देने की तैयारी शुरू कर दी है। अगर कोई निजी कंपनी इन दोनों जिलों में 12 साल के लिए लीज पर दोनों काम लेती है तो मेट्रो अपनी निगरानी में यह दोनों काम निजी हाथों में देने को तैयार है। वहीं लखनऊ मेट्रो का संचालन व सिगनलिंग फिलहाल यूपीएमआरसी पहले की तरह करता रहेगा। इसके लिए हर जिले में करीब 350 का टेंडर किया जा सकता है। लखनऊ मेट्रो अपने हर साल कोचों के रखरखाव, वेतन व सिगनल पर होने वाले खर्च का आंकलन करने के बाद इसका खाका तैयार किया है। 

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यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि अभी इस प्रस्ताव को लेकर गंभीरता से विचार चल रहा है।  क्योंकि लखनऊ मेट्रो  हर साल रोलिंग व सिनगल पर करोड़ों खर्च करता है, अगर फायदे का सौदा रहेगा, तो मेट्रो भी कानपुर व आगरा को  निजी हाथों में देने से नहीं हिचकेगा। हां पूरा सुपरविजन यूपीएमआरसी का रहेगा। निजी कंपनी के ड्राइवरों, स्टाफ व अन्य शर्ते सब यूपीएमआरसी की माननी होंगी। अगर कोई कंपनी इस प्रस्ताव पर रुचि दिखाती है तो कम से कम 12 साल के लिए पूरा काम दिया जाएग। क्योंकि कानपुर व आगरा दोनों नए प्रोजेक्ट है, इनमें पांच से छह साल कोई खराबी नहीं आनी है। इसलिए पांच साल के बाद असली काम शुरू होता है। जो कंपनी काम लेगी वह शुरू से अपने संसाधनों का पूरा ध्यान रखेगी। इसलिए 12 साल का समय रखा गया है। मेट्रो के क्षेत्र में हाइड्रा, केलोइस, वायलियो जैसे मल्टीनेशनल कंपनियां इस काम को बाखूबी देश विदेश में कर रही है। 

यूपीएमआरसी हर साल इससे फायदे में जाएगा 

मेट्रो को इस प्रस्ताव से अच्छा फायदा होने की उम्मीद है। क्योंकि निजी कंपनी अपना पूरा स्टाफ रखेगी, उनके सारे खर्चें संबंधित कंपनी देगी। कोच, सिगनल, ट्रैक का पूरा रखरखाव संबंधित कंपनी को करना होगा। मेट्रो के अफसर इसकी नियमित मानीटरिंग करेंगे। उद्देश्य होगा कि यात्री सुविधाओं में कोई कमी न आए। 

क्या कहते हैं यूपीएमआरसी एमडी ?

यूपीएमआरसी एमडी कुमार केशव के मुताबिक, यूपीएमआरसी इसके लिए एक खाका तैयार कर रहा है। अगर कोई निजी एजेंसी 12 साल के लिए रोलिंग व सिगनल का काम लेती है तो इस पर विचार किया जाएगा। मेट्रो सिर्फ निगरानी का काम करेगी। मेट्रो के अफसर व स्टाफ कंट्रोल व मौके पर तैनात किए जाएंगे। 


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