कानपुर सड़क हादसे के बाद टूटी नींद, परिवहन विभाग ने ट्राली के पंजीकरण व तकनीकी मानकों के लिए गठित की समिति
Kanpur Road Accident कानपुर में एक अक्टूबर को हुई घटना की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसे का शिकार हुई ट्राली का पंजीकरण नहीं था। इसको देखते हुए परिवहन आयुक्त ने सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय को इसके लिए आवश्यक प्रावधान जारी करने की सिफारिश की है।
UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। कानपुर में ट्रैक्टर ट्राली पलटने (Kanpur Road Accident) से 26 लोगों की मौत की घटना के बाद एक बार फिर प्रशासन की नींद टूटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के कड़े निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने ट्राली के पंजीकरण समेत अन्य तकनीकी मानकों के निर्धारण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।
कानपुर में एक अक्टूबर को हुई घटना की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसे का शिकार हुई ट्राली का पंजीकरण नहीं था। परिवहन आयुक्त एल वेंकटेश्वरलू ने रविवार को हादसे के कारणों काे लेकर विस्तृत समीक्षा की। अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय मोटर यान अधिनियम, 1988 तथा केंद्रीय मोटर यान नियमावली, 1989 में कृषि कार्य में प्रयोग की जाने वाली ट्राली के पंजीयन के संपूर्ण प्रावधान उपलब्ध नहीं है। इसको देखते हुए परिवहन आयुक्त ने सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय को इसके लिए आवश्यक प्रावधान जारी करने की सिफारिश की है।
पांच सदस्यीय समिति का गठन
परिवहन आयुक्त का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार की ओर से प्रावधान निर्गत नहीं होते, तब तक राज्य स्तर पर ट्राली के पंजीयन की प्रक्रिया, उपयोग, ट्राली निर्माण के लिए तकनीकी मानकों का निर्धारण तथा ट्राली के निर्माण में सड़क सुरक्षा मानकों को सम्मिलित किए जाने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
पांच सदस्यीय समिति में ये शामिल
परिवहन आयुक्त (यात्रीकर) लक्ष्मीकान्त मिश्रा की अध्यक्षता में गठित समिति में उप परिवहन आयुक्त, बरेली परिक्षेत्र मुखलाल चौरसिया, प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) परिवहन निगम मुख्यालय राज नारायण वर्मा व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) बिजनौर शिव शंकर सिंह को बतौर सदस्य तथा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्राविधिक) मुख्यायल कमल जोशी को बतौर सदस्य सचिव शामिल किया गया है। समिति अपनी संस्तुतियां दो सप्ताह के भीतर परिवहन आयुक्त को उपलब्ध कराएगी।
बिना परिमिट के दौड़ रहीं बसों पर भी नहीं कसा शिकंजा
प्रदेश में बिना परिमिट के दौड़ रही बसें भी यात्रियों के लिए बड़ा खतरा हैं। पूर्व में लखीमपुर खीरी में हुए हादसे के बाद बिना परमिट के दौड़ रहे वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देशों के बाद भी हालात नहीं बदले। अधिकारियों व कर्मियों की शिथिलता को बेहद गंभीर माना गया है। दरअसल, 28 सितंबर, 2022 को लखीमपुर खीरी में हुए हादसे में बस सवार 10 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी, जबकि 39 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए थे।
तब जांच में सामने आया था कि दुर्घटना का शिकार हुई बस के कुल 47 चालान किए गए थे, जिनमें आठ का निस्तारण अब तक लंबित है। इतने चालान होने के बावजूद बस का परमिट निरस्त करने की कार्यवाही नहीं की जा सकी थी, क्योंकि संबंधित जिला/ संभाग से चालान को मोटरयान अधिनियम, 1988 के अंतर्गत धारा 86 की कार्यवाही के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण को भेजा नहीं गया था।
प्रदेश में ठेके पर चल रही ऐसी बसों के संचालन पर शिकंजा कसने के लिए अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) वीके सोनकिया ने कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी प्रवर्तन अधिकारियों से बिना परमिट तथा परमिट शर्तों के विरूद्ध संचालित हो रही बसों के विरुद्ध किए गए चालानों का ब्योरा तीन दिन में तलब किया है। यह सूचना राज्य परिवहन प्राधिकरण का ईमेल के जरिए उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
ट्रैक्टर-ट्राली से यात्री ढोए तो होगा 10 हजार का चालान
एडीजी यातायात अनुपम कुलक्षेष्ठ ने सभी जिलों में दस दिनों का अभियान चलाकर ग्रामीणों को ट्रैक्टर ट्राली से यात्रा न करने के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया है। कहा है कि डीएम से समन्वय बनाकर प्रधान व पंचायत सचिव के सहयोग से हर गांव में बैठक की जाएं और ग्रामीणों को बताया जाए कि माल वाहक वाहन ट्रैक्टर ट्राली, डाला, डंपर व ऐसे अन्य वाहनों से यात्रा करना कितना खतरनाक है। एडीजी ने परमिट शर्तों का उल्लंघन करने वाले ऐसे वाहनों के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है। ऐसे वाहनों के विरुद्ध परमिट की शर्तों की उल्लंघन पर 10 हजार रुपये शमन शुल्क तथा दूसरी बार व अनुवर्ती अपराध की दशा में 10 हजार का चालान किया जाएगा। उन्होंने 10 दिनों में रिपोर्ट तलब की है।
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