प्रदेश में अडानी सहित छह कंपनियों से निरस्त होंगे सौर ऊर्जा के करार
प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने बताया कि सोलर पैनल के रेट में कमी आने के कारण इन कंपनियों को प्रोजेक्ट लगाने के लिए विस्तार न दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। निर्धारित समय में कुल 80 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं न लगा पाने वाली छह कंपनियों का करार निरस्त करने के लिए पावर कॉरपोरेशन ने नोटिस जारी कर दिया है। इसमें अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड भी शामिल है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने बताया कि सोलर पैनल के रेट में कमी आने के कारण इन कंपनियों को प्रोजेक्ट लगाने के लिए विस्तार न दिए जाने का निर्णय लिया गया है। सौर ऊर्जा नीति-2013 के तहत प्रदेश में 215 मेगावाट के प्लांट लगाने के लिए यूपीनेडा ने 2015 में प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग कराई थी। इस बिडिंग में सौर ऊर्जा का टैरिफ 7.02 से 8.60 रुपये प्रति यूनिट तक आया था।
बिडिंग में 15 कंपनियां चुनी गई थीं, जिसमें से नौ ने तय समय में 135 मेगावाट के प्रोजेक्ट लगा दिए लेकिन, छह कंपनियों ने 80 मेगावाट की परियोजनाएं अब तक स्थापित नहीं कीं। पावर कॉरपोरेशन का कहना है कि दो साल में सोलर पैनलों के दाम में भारी कमी आने के बाद देश भर में सौर ऊर्जा के टैरिफ में भी गिरावट आई है।
राजस्थान में केंद्र सरकार की संस्था सेकी द्वारा कराई गई बिडिंग में रेट 2.44 रुपये प्रति यूनिट तक आ चुके हैं। कॉरपोरेशन का कहना है कि ऐसे में अब तक प्रोजेक्ट न लगाने वाली कंपनियों को पुराने तय रेट पर सौर ऊर्जा आपूर्ति की अनुमति दिया जाना उपभोक्ताओं के हित में नहीं होगा।
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इन्हें मिला नोटिस: पावर कॉरपोरेशन ने सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगाने में देर करने वाली जिन कंपनियों को प्रोक्योर प्रिलिमिनरी डिफाल्ट नोटिस दिया है, उनमें सुधाकर इन्फ्राटेक, टेक्नीकल एसोसिएट्स, सहस्नधारा एनर्जी, अवध रबर प्रोप मद्रास इलास्टोमर, अडानी ग्रीन एनर्जी और पिनाकल एयर शामिल हैं। अनुबंध के प्राविधानों के मुताबिक नोटिस के बाद करार खत्म किया जा सकता है।
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