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हिजबुल मुजाहिदीन की थी गणेश चतुर्थी पर कानपुर में धमाका करने की साजिश

उत्तर प्रदेश पुलिस के एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) ने आज हिज्ब-उल-मुजाहिदीन से जुड़ा आतंकी गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 03:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 09:48 AM (IST)
हिजबुल मुजाहिदीन की थी गणेश चतुर्थी पर कानपुर में धमाका करने की साजिश

लखनऊ (जेएनएन)। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने कानपुर के चकेरी क्षेत्र से हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी कमरुज्जमा उर्फ डॉ.हुरैरा उर्फ कमरुद्दीन (38) को गिरफ्तार किया है। उसके मोबाइल में कानपुर के कलेक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर की बुधवार को बनाई गई करीब साढ़े पांच मिनट की वीडियो क्लिप भी मिली है। अप्रैल में एके-47 लेकर खिंचवाई गई उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वह सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों की नजर में आया था। इस पोस्ट में उसने खुद को हिजबुल मुजाहिदीन का डॉ.हुरैरा होने का दावा किया था।

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डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि आरोपित कमरुज्जमा गणेश उत्सव के दौरान कानपुर में बड़ी घटना करने की फिराक में था। आशंका है कि गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान बड़ी आतंकी साजिश रची जा रही थी। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। कमरुज्जमा का यूपी कनेक्शन खंगालने के साथ ही उसके स्थानीय मददगारों के बारे में भी गहनता से छानबीन की जा रही है। मूलरूप से असम के जमुनामुख निवासी कमरुज्जमा करीब दो माह पूर्व कानपुर आया था और शिवनगर में किराये के मकान में रह रहा था। जहां उसने खुद को मोबाइल टॉवर इंजीनियर बताया था। एटीएस उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करेगी। कमरुज्जमा विवाहित है और उसके एक बेटा है। खुफिया इनपुट मिलने के बाद एनआइए व एटीएस पिछले कई दिनों से उसके बारे में छानबीन कर रही थी। गुरुवार को एटीएस ने कानपुर पुलिस की मदद से चकेरी क्षेत्र के शिवनगर मोहल्ले से उसे गिरफ्तार किया।

ओसामा बिन जावेद के साथ ज्वाइन किया था हिजबुल 

आइजी एटीएस असीम अरुण के अनुसार आरोपित ने खुद को हिजबुल मुजाहिदीन का सदस्य होने की बात स्वीकार की है। वह अप्रैल, 2017 में कश्मीर के किश्तवार निवासी ओसामा बिन जावेद के संपर्क में आया था, जिसके बाद दोनों ने एक साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ज्वाइन किया था। करीब एक साल पहले दोनों कश्मीर से गायब हो गए थे। दोनों को कश्मीर में नौ माह की ट्रेनिंग भी दी गई थी। तभी से जम्मू-कश्मीर की खुफिया एजेंसियां दोनों की तलाश कर रही हैं। ओसामा अब तक जांच एजेंसियों के हाथ नहीं लग सका है। कमरुज्जमा बीए तृतीय वर्ष की परीक्षा में फेल हो गया था। उसने टाइपिंग व कंप्यूटर का डिप्लोमा कर रखा है। वह अच्छी अंग्रेजी बोलता है। आरोपित को पकडऩे में एटीएस के एएसपी दिनेश यादव व सीओ दिनेश पुरी की अहम भूमिका रही।

चार साल आइलैंड में रहा

कमरुज्जमा वर्ष 2008 से 2012 तक फिलीपींस के निकट स्थित आइलैंड रिपब्लिक ऑफ पलाऊ में रहा था। वहां वह एक स्टोर में हेल्पर का काम कर रहा था। यह आइलैंड इंडोनेशिया के पास है। इसके बाद वह कश्मीर चला गया था, जहां 2016 में ओसामा के संपर्क में आया। 

फोन पर सेव थे सिर्फ दो नंबर 

कमरुज्जमा के स्मार्टफोन में सिर्फ दो मोबाइल नंबर ही सेव थे। वह वाट्सएप ग्रुप के जरिये आतंकी संगठनों के संपर्क में था। उसके मोबाइल से कई चैट व नंबर मिटा दिये गए थे। उसकी कॉल डिटेल के आधार पर भी छानबीन की जा रही है।

बैंक खातों की भी पड़ताल 

कमरुज्जमा के बैंक खातों की पड़ताल भी की जा रही है। खासकर उसकी फंडिंग व सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि वह कश्मीर से भागने के बाद कहां और किन लोगों के संपर्क में रहा और उनकी योजनाएं क्या-क्या थीं।


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