UP News: सेना के जवानों की समस्याओं का तुरंत होगा निपटारा, सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर बनी डिफेंस हेल्पलाइन
जवानों की समस्याओं का प्रमुखता से निराकरण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री के आदेश पर एक डिफेंस हेल्पलाइन का गठन कर दिया गया है। डिफेंस हेल्पलाइन में ईमेल और मोबाइल नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
लखनऊ, [निशांत यादव]। सरहद पर तैनात भारतीय सेना, नौ सेना और वायुसेना के जांबाजों के अलावा सशस्त्र बल के जवानों के परिवारों की भूमि विवाद सहित अन्य समस्याओं का तुरंत निस्तारण होगा। जवानों की समस्याओं का प्रमुखता से निराकरण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री के आदेश पर एक डिफेंस हेल्पलाइन का गठन कर दिया गया है।
इस डिफेंस हेल्पलाइन में सेना और सशस्त्र बल के जवान और पूर्व सैनिक जारी ईमेल और मोबाइल नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा एक नोडल अधिकारी को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के अपर महानिदेशक डा. एन रविन्दर ने हेल्पलाइन के गठन का आदेश जारी कर दिया है।
सेना और सशस्त्र बल के जवान अपनी ड्यूटी पर अक्सर बाहर रहते हैं। यहां लखनऊ व अन्य जिलों में उनके घर पर उनके परिवारों को भूमि विवाद और पारिवारिक उत्पीड़न जैसी अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पिछले दिनों ही सरोजनीनगर में कारगिल में तैनात सेना के जवान राम सिंह के परिवार के साथ ही नाली के विवाद में पुलिस ने कोई सुनवाई तक नहीं की थी। ऐसी शिकायतों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त आदेश दिए हैं।
ऐसे काम करेगी डिफेंस हेल्पलाइन : पुलिस ने जो डिफेंस हेल्पलाइन बनायी है। उसके लिए हेल्पलाइन नंबर 7839877707 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा defhelpline.uppolice@gmail.com पर शिकायत मेल की जा सकती है। डिफेंस हेल्पलाइन के पर्यवेक्षण अधिकारी के नंबर 9454400691 पर शिकायत पर होने वाली कार्रवाई का फीडबैक लिया जा सकेगा।
यह हेल्पलाइन पुलिस महानिदेशक मुख्यालय के शिकायत प्रकोष्ठ के अंतर्गत काम करेगी। इसके लिए सभी जिलों में एक राजपत्रित अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। यह नोडल अधिकारी जिले के एसपी और लोक शिकायत मुख्यालय को सहयोग प्रदान करेंगे।
मायावती ने भी की थी व्यवस्था : वर्ष 2007 में सैनिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के आदेश के बाद सैनिक बंधु का गठन हर जिले में किया गया था। जिसमें जिलाधिकारी के साथ स्वास्थ्य सहित सभी जिलों के प्रभारी भी शामिल किए गए थे। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से सैनिक बंधु की नियमित बैठकें नहीं हो पा रहीं थी।