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यूपी सरकार निजी मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सा संस्थानों में भर्ती कोरोना मरीजों का उठाएगी खर्च

अधिग्रहीत निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज पर जनरल वार्ड में प्रति बेड 1800 रुपये प्रतिदिन से आइसीयू में वेंटिलेटर युक्त बेड पर 4500 प्रतिदिन प्रतिपूर्ति दी जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 05:55 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 05:55 PM (IST)
यूपी सरकार निजी मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सा संस्थानों में भर्ती कोरोना मरीजों का उठाएगी खर्च
यूपी सरकार निजी मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सा संस्थानों में भर्ती कोरोना मरीजों का उठाएगी खर्च

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के निजी मेडिकल कॉलेजों व निजी चिकित्सा संस्थानों में भर्ती होने पर इलाज का खर्चा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उठाएगी। मरीज को एक भी पैसा खर्च नहीं करना होगा। यूपी के स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिग्रहीत किए गए निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों के इलाज पर जनरल वार्ड में प्रति बेड 1800 रुपये प्रतिदिन से लेकर आइसीयू में वेंटिलेटर युक्त बेड पर 4500 प्रतिदिन के अनुसार प्रतिपूर्ति दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पूर्णतया राज्यपोषित) के लिए प्रावधानित बजट से प्रतिपूर्ति किए जाने का निर्णय लिया गया है।

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उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार जनरल वार्ड में भर्ती मरीज के इलाज पर प्रतिदिन प्रति बेड 1800 रुपये, हाई डिपेंडेंसी यूनिट में भर्ती मरीज के इलाज पर प्रतिदिन प्रति बेड 2700 रुपये, आइसीयू में बिना वेंटिलेटर के बेड पर भर्ती होने पर प्रतिदिन प्रति बेड 3600 रुपये और आइसीयू में वेंटिलेटर युक्त बेड पर भर्ती मरीज को प्रतिदिन प्रति बेड 4500 रुपये के हिसाब से प्रतिपूर्ति की जाएगी।

फिलहाल पूरे प्रदेश में कोविड-19 के लेवल वन से लेकर लेवल थ्री तक के अस्पतालों में करीब एक लाख से अधिक बेड हैं और इसमें से स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिग्रहीत निजी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में करीब 25 हजार बेड हैं। मरीजों को इलाज पर एक भी पैसा नहीं खर्च करना होगा।

निजी मेडिकल कालेजों व चिकित्सा संस्थानों द्वारा कोरोना मरीज के इलाज पर खर्च हुई रकम का बिल व वाउचर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को भेजना होगा। वह इस बिल का परीक्षण व सत्यापित करने के बाद उसे स्टेट एजेंसी फार कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को भेजेंगे और फिर वहां से इसका भुगतान किया जाएगा। अभी तक सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को ही कोरोना इलाज की मुफ्त सुविधा दी गई थी। अब इससे इतर लोगों को भी मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी।


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