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UP Government Budget 2020: बजट को अर्थशास्त्रियों ने सराहा, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार पर दिया जोर

लखनऊ में विशेषज्ञ बोले बजट अच्छा अब घोषणाओं को सक्रियता से अमली जामा पहनाना जरूरी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 05:57 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 07:39 AM (IST)
UP Government Budget 2020: बजट को अर्थशास्त्रियों ने सराहा, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार पर दिया जोर

लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश सरकार के बजट में योगी सरकार ने मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ साथ, मानव विकास तथा युवाओं पर अपना विशेष ध्यान रखा है। कुल 5.12 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत कर के यूं तो अब तक का सबसे बड़ा बजट है, तो विगत बजट के वास्तविक आकार के तुलना में इसके आकार में कोई विशेष वृद्धि नजर नहीं आती। ऐसा संभवता राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर कर संग्रहण में आपेक्षित वृद्धि न होने के कारण हो सकता है। यह कहना है लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एमके अग्रवाल का। 

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मंगलवार को चौथे बजट का विश्लेषण करते हुए प्रो अग्रवाल ने कहा कि 2020,21 के प्रदेश के बजट को वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने क्रम श्रृंखला को बरकरार रखते हुए एक विकासोन्मुख तथा बेहतर रणनीति का बजट पेश किया है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि सरकार ने जहां एक ओर प्रशासनिक सुधार, पारदर्शी तथा निष्पक्ष प्रशासन के प्रमाण दिए हैं तो वहीं विकास परियोजनाओं पर अपनी प्रतिबद्धता भी दर्शाने का प्रमाण दिया है। वर्तमान बजट में ऊर्जा की पर्याप्त उपलब्धता की बात कही गई है। इसके अनुसार अगले वर्ष विद्युत उपलब्धता लगभग 23 हजार मेगावाट होने का अनुमान है। जो कि वर्तमान के उच्चतम स्तर से लगभग 6 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही सरकार को विद्युतहानि तथा विद्युत बजट पर ध्यान देना होगा। हालांकि सरकार द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा पर विशेष प्लान केंद्रीत किए जाने से शुद्ध ऊर्जा की उपलब्धता तेजी से बढ़ेगी। इसका लाभ अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ साथ आमजन को भी मिलेगा। पहले ही हर गांव तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। उत्तर प्रदेश अब तेजी से विकसित हो रहे सड़क एवं एयरपोर्ट के कारण देश के शीर्षस्थ राज्यों में शामिल होने की ओर अग्रसर है। 

6 एक्सप्रेस वे एक साथ साथ लिंक एक्सप्रेस सड़कों के कारण ये देश का अग्रणी राज्य बन चुका हैं। हालांकि अभी इनके विकास के लिए अभी धन की व्यवस्था भी की जा रही है। जिससे ये समय पर विकसित हो सकें। इसी के साथ साथ नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के समयबद्ध विकास के कारण यह प्रदेश के विकास के लिए एक नया अवसर उपलब्ध करायेगा। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत भी एयरपोर्ट पर काम किया जा रहा है। साथ ही अयोध्या के एयरपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल मिलाकर प्रदेश एक सुगम यातायात के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार करने में सफल हो रहा है। चाहे वह एक्सप्रेस वे हो, ग्रामीण सड़कें या फिर एयरपोर्ट। 

वर्तमान बजट युवाओं पर केंद्रीत होता नजर आ रहा है। क्योंकि इसमें जहां सहारनपुर, अलीगढ़ व आजमगढ़ में तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की पुन: प्रतिबद्धता दिखाई गई है। इसी के साथ तीन विशिष्ट विश्वविद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था की जा रही है। इसमें प्रयागराज में नौ विवि, गोरखपुर में आयुष विवि और प्रयागराज में एक फॉरेंसिक विश्वविद्यालय स्थापना प्रस्तावित है। इसी प्रकार समग्र शिक्षा अभियान पर भी प्रतिबद्धता दोहराई गई है। तथा आगामी सत्र में लगभग दो करोड़ छात्र छात्राओं को निश्शुल्क किताबें कॉपी देने का लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में यदि देखा जाए तो युवाओं के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना और युवा उद्यमिता विकास अभियान प्रारंभ किए जाने का निर्णय विशेष महत्व का है। क्योंकि इसमें प्रशिक्षण के दौरान ढाई हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाना शामिल है। 

अब आवश्यकता इस बात की है कि सरकारी मशीनरी इस महत्वपूर्ण पहल को कितना सफल बना पाती है। महिलाओं और कन्याओं के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। सरकार प्रदेश के विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। ये न केवल अस्पतालों में शैया विस्तार तक सीमित है, बल्कि नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं पुराने संस्थानों के विकास पर विशेष ध्यान रखा गया है। इसके अतिरिक्त नए अस्पताल खोलने तथा विशिष्ट बीमारियों के उपचार के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। 

बजट प्रावधानों से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इस क्रम में अयोध्या, काशी का विकास सम्मिलित है। जल क्रीड़ा के लिए गोरखपुर को विकसित किया जा रहा है। यूं तो योगी सरकार ने कृषि विकास तथा ग्रामीण विकास पर भी अपना रुझान बढ़ाया है, किंतु इस ओर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही छोटे तथा सीमांत कृषकों के आय वृद्धि के लिए विशेष प्रयत्न करने होंगें। इसी प्रकार औद्योगिक निवेश की घोषणाओं को अमली जामा पहनाने के लिए और तेजी लाने की जरूरत है। मध्यम, लघु व कुटीर उद्योगों के विकास में भी और अधिक स्पष्ट रणनीति तथा ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि सरकार अपने विकास के मार्ग पर सतत रूप से अग्रसर है। इसमें मुख्य आकर्षण अवस्थापना सुविधाओं का गुणवत्तापरक तथा समुचित विकास के साथ साथ मानव विकास भी है। जिससे इस प्रदेश की उत्पादन क्षमता में व्यापक विस्तार किया जा सकता है। अब आवश्यकता इस बात की है कि इसका लाभ कृषि तथा उद्योगों के तीव्र विकास के लिए हो सके। इसके लिए और अधिक स्पष्ट रणनीति के साथ व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है। सेवा क्षेत्र तथा पर्यटन इसमें विशेष योगदान दे सकते हैं।


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