यूपी विधानसभा चुनाव 2022: बाराबंकी की 'कुर्सी' पर अतिथियों का तिलक, बड़े रोचक हैं ये आंकड़े
UP Election 2022 बाराबंकी के भाजपा जिलाध्यक्ष शशांक कुशमेश के मुताबिक इस सीट से करीब 25 कार्यकर्ताओं ने दावेदारी की है। इसमें विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा सहित आधा दर्जन से अधिक दावेदार दूसरे क्षेत्र के रहने वाले हैं।
बाराबंकी, [जगदीप शुक्ल]। लखनऊ और सीतापुर जनपद की सीमावर्ती कुर्सी विधानसभा क्षेत्र की पहचान अतिथियों का सत्कार करने वाली सीट के रूप में बनती जा रही है। इस सीट पर दूसरे क्षेत्र के रहने वाले न सिर्फ सबसे अधिक दावेदारी करते हैं बल्कि लुभावने वादे कर जनता का समर्थन प्राप्त करने में भी सफल हो जाते हैं। बीते तीन विधानसभा चुनावों में यहां से दूसरे क्षेत्र और जनपदों के दावेदारों पर न सिर्फ राजनीतिक दलों ने विश्वास किया बल्कि जनता ने अतिथि उम्मीदवारों को सिर-आंखों पर बिठाया है। शायद यही वजह है कि जिले की छह सीटों में सबसे ज्यादा दावेदार इसी सीट पर हैं। इनमें भी ज्यादातर दूसरे क्षेत्र के हैं और करीब आधा दर्जन दावेदार दूसरे जिले के रहने वाले हैं।
भाजपा से 25 और सपा से 24 दावेदार : भाजपा जिलाध्यक्ष शशांक कुशमेश के मुताबिक इस सीट से करीब 25 कार्यकर्ताओं ने दावेदारी की है। इसमें विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा सहित आधा दर्जन से अधिक दावेदार दूसरे क्षेत्र के रहने वाले हैं। सपा जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज का कहना है कि कुर्सी विधानसभा क्षेत्र से 24 से अधिक आवेदन आए हैं। इनकी सूची में शामिल नाम ज्यादातर दूसरे विधानसभा क्षेत्रों व जनपद के रहने वाले हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन भी बताते हैं कि इस सीट पर अन्य सीटों की अपेक्षा अधिक उम्मीदवार हैं और इनमें से कुछ दूसरे क्षेत्रों के भी रहने वाले हैं।
वर्ष 2007 से जारी है सिलसिला : अतिथि उम्मीदवारों को चुनने का सिलसिला 2007 से शुरू हुआ जोकि अब तक जारी है। वर्ष 2007 में यहां (तब फतेहपुर विधानसभा) से लखनऊ की रहने वाली बसपा की मीता गौतम विधायक चुनी गई थीं। इसके 2012 में मसौली के रहने वाले सपा के फरीद महफूज किदवई और 2017 में सीतापुर के महमूदाबाद के साकेंद्र प्रताप वर्मा को यहां की जनता ने अपने नेतृत्व के लिए चुना था।
हालांकि, इससे पहले भी हैदरगढ़ के बैजनाथ रावत सहित दूसरे क्षेत्र के कई अन्य प्रत्याशियों ने यहां से चुनाव में भागीदारी की, लेकिन किसी को सफलता नहीं मिल सकी थी। 1991, 93 व 96 में स्थानीय यानी निंदूरा ब्लाक के सरसवां के हरदेव सिंह रावत और 2002 में सैंदर की राजरानी रावत पर भरोसा किया था।
- फैक्ट फाइल
- कुल मतदाता : 393688
- पुरुष मतदाता : 210069
- महिला मतदाता : 183609
यह हैं जातीय आंकड़े : वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहां ब्राह्मण आठ प्रतिशत, क्षत्रिय सात, कायस्थ पांच, वैश्य दो, मुस्लिम 21, अन्य सामान्य एक, यादव 13, कुर्मी 12, मौर्या दो, लोध 0.5, निषाद 0.5, अन्य पिछड़ा दो, गौतम दस, रावत 15 और अन्य एक प्रतिशत मतदाता हैं।