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यूपी व‍िधानसभा चुनाव 2022: रामनगरी के इतिहास में जुड़ेगा एक नया अध्‍याय, अयोध्‍या से पहली बार सिटि‍ंग सीएम बने उम्मीदवार

UP Vidhan Sabha Election 2022 योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते अयोध्‍या से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। चुनाव में उनके उतरने से न सिर्फ जातीय सीमाएं टूटेंगी बल्कि भाजपा देश के अन्य चुनावी राज्यों में भी अपने कोर वोटर को प्रखर हि‍ंदुत्व का संदेश देने में सफल होगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 07:34 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 06:30 PM (IST)
यूपी व‍िधानसभा चुनाव 2022: रामनगरी के इतिहास में जुड़ेगा एक नया अध्‍याय, अयोध्‍या से पहली बार सिटि‍ंग सीएम बने उम्मीदवार
वर्ष 1971 में लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी।

अयोध्‍या, [नवनीत श्रीवास्तव]। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से विधानसभा चुनाव लडऩे के साथ ही वर्ष 2022 रामनगरी के इतिहास में सदैव के लिए अंकित हो जाएगा। यह पहला अवसर होगा, जब योगी आदित्यनाथ के रूप में कोई नेता मुख्यमंत्री रहते अयोध्या से विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। उनसे पहले प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी ने यहां से वर्ष 1971 में इंडियन नेशनल कांग्रेस (संगठन) के प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। वह 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं थीं, लेकिन यहां लोकसभा चुनाव में तत्समय वे इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार आरके सिन्हा से हार गईं थीं और तब उनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका था।

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अब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते यहां से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। चुनाव में उनके उतरने से न सिर्फ जातीय सीमाएं टूटेंगी, बल्कि भाजपा देश के अन्य चुनावी राज्यों में भी अपने कोर वोटर को प्रखर हि‍ंदुत्व का संदेश देने में सफल होगी। यूं भी पिछले पांच साल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अयोध्या घर जैसी ही रही। पांच साल में वे 35 बार से ज्यादा रामनगरी आए और उनकी प्रतिष्ठा भी अयोध्या के 'चितेरे' के तौर पर हुई है।

इससे पहले चंद दिन पूर्व ही सीएम के ओएसडी संजीव सि‍ंह ने अयोध्या की चारों मंडल इकाइयों के बूथ स्तरीय पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। तभी से यह अटकलें भी लगाई जा रहीं थीं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। विश्लेषक यह भी मानते हैं कि भाजपा सीएम को अयोध्या से चुनाव में उतार कर रामराज्य के घोष को और भी उच्च स्वर में जनता के बीच रख सकेगी। हाल ही में हुए कार्यक्रमों में स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य भाजपा नेता भी अपने भाषणों में त्रेतायुगीन नगरी के सुशासन की याद दिला कर लोगों से रामराज्य की अवधारणा को साकार करने के लिए उन्हें जिताने का आह्वान करते रहे हैं। संदेश यह भी है कि भाजपा के लिए अयोध्या सिर्फ धार्मिक स्थल भर नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का प्रतिबि‍ंब है और इसीलिए योगी आदित्यनाथ जैसे कद्दावर नेता और यूपी जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री को अयोध्या के लिए चुना गया है।


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