अखिलेश की बिसाहड़ा पीड़ितों को 20 लाख मदद, केजरी के काफिले पर पथराव
ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में इकलाख की मौत ने अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले लिया है। औवेसी, सांसद महेश शर्मा के बाद आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे। अरविंद केजरीवाल को महिलाओं और बच्चों के
लखनऊ। ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में इकलाख की मौत ने अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग ले लिया है। औवेसी, सांसद महेश शर्मा के बाद आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे। अरविंद केजरीवाल को महिलाओं और बच्चों के विरोध का सामना करना पड़ा। महिलाओं ने उनके काफिले पर पत्थर बरसाये तो पुलिस उन्हें लेकर गेस्ट हाउस चली गई। चार घंटे की मशक्कत के बाद शर्त मानने पर ही कड़ी सुरक्षा में केजरीवाल पीडि़त परिवार से मिल पाए। शाम राहुल गांधी ने भी पीडि़त परिवार से मुलाकात की। इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। उन्होंने पीडि़त परिवार को 20 लाख रुपए आर्थिक मदद की घोषणा की।
अरविंद केजरीवाल ने पीडि़त परिवार को से कहा कि केंद्र सरकार से बात कर न्याय दिलाने का भरपूर प्रयास किया जाएगा। केजरीवाल ने घंटों गांव के बाहर रोके जाने पर नाराजगी जताई। ट््वीट कर कहा कि जब औवेसी और केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा को गांव में आने से नहीं रोका गया तो हमें क्यों रोका जा रहा है। हम तो सबसे शांतिप्रिय हैं। उनके साथ आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह और आशुतोष भी थे।
देर शाम कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी परिजन से मिलने पहुंचे तो गांव का माहौल गर्म हो गया। ग्रामीण उनके काफिले के पीछे भागने लगे। राहुल सबसे पहले इकलाख की मां असगरी बेगम से मिले और कहा कि इस दुख की घड़ी में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है। जिस समय राहुल गांधी गांव में पहुंचे उस दौरान जिलाधिकारी एनपी ङ्क्षसह ग्रामीणों के साथ बैठक कर रहे थे। राहुल गांधी ने जिलाधिकारी की सराहना करते हुए कहा कि इसी तरह से गांव में शांति व्यवस्था कायम करने का प्रयास करें, जिससे अब किसी को नुकसान न पहुंचे। सपा सरकार के पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आशु मलिक ने भी देर शाम पीडि़त परिवार को आश्वासन दिया कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ है।
दोषियों पर कार्रवाई और पीडितों को २० लाख : अखिलेश
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गौतमबद्धनगर के बिसाहड़ा गांव की वारदात में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। आज समीक्षा के बाद उन्होंने भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया और पीडि़त परिवार को दी जाने वाली आर्थिक मदद 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने अफवाह फैलाने का प्रयास करने वालों के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई का निर्देश दिया है।
तब इकलाख के घर पहुंचे केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल, आप नेता संजय ङ्क्षसह, कुमार विश्वास और आशुतोष को शनिवार सुबह दस बजे बिसाहड़ा गांव पहुंचते ही महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। महिलाओं ने काफिले पर पथराव भी किया। चार घंटे की लंबी जिद्दोजहद के बाद ही केजरीवाल इकलाख के परिजनों से मिल पाए। दरअसल ग्रामीणों ने केजरीवाल को नहर पर ही गांव के अंदर आने से रोक कर उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी। माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने केजरीवाल के काफिले को एनटीपीसी गेस्ट हाउस की तरफ मोड़ दिया। गेस्ट हाउस में केजरीवाल को लंबा इंतजार करना पड़ा। पुलिस और ग्रामीणों के बीच घंटो बहस चली। अंत में गांव की महिलाओं ने पुलिस के सामने शर्त रखी कि अगर केजरीवाल को इकलाख के परिजन से मिलना है तो पहले गांववालों से मिलना पड़ेगा। पुलिस और केजरीवाल ने यह शर्त मान ली। एक बजे केजरीवाल ने महिलाओं से मुलाकात कर भरोसा दिलाया कि किसी भी निर्दोष युवक को जेल नहीं जाने दिया जाएगा।
मीडिया पर हमला, गाडिय़ां तोड़ी
गांव की महिलाओं और बच्चों ने झूठी और एकतरफा खबरें दिखाने और छापने का आरोप लगाकर मीडिया पर जमकर भड़ास निकालीं। उनकी नाराजगी सबसे ज्यादा खबरिया चैनलों को लेकर थी। महिलाओं और बच्चों ने मीडिया कर्मियों पर जमकर पत्थर बरसाए। इस कारण कई गाडिय़ां टूट गईं। कुछ मीडिया कर्मियों को चोटें भी आईं। एक महिला पत्रकार ने मोबाइल लूटने का भी आरोप लगाया। भारी विरोध के कारण मीडिया को बिसाहड़ा गांव से बाहर जाना पड़ा।
पांच घंटे गांव में घूमे अधिकारी
बीती रात दस बजे के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी गांव में घूमे। डीएम एनपी ङ्क्षसह ने गांव के एक-एक घर जाकर मुखिया से संपर्क साधा और कहा कि जो हुआ है उनके आरोपियों को ही जेल भेजा जाएगा। निर्दोष लोगों पर मामले में कोई कार्रवाई नहीं होगी।
पूरे दिन अफरा-तफरी
सुबह नौ बजे से ही गांव की महिलाएं नहर और एनटीपीसी रोड पर एकत्र होने लगीं। यही दोनों रास्ते गांव के अंदर आते हैं। महिलाओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि पुलिस मामले में गांव के निर्दोष युवाओं को फंसा रही है। बढ़ती भीड़ को देखते हुए आसपास के जिलों से महिला पुलिस को बुलाना पड़ा। हालांकि शाम चार बजे तक पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया।