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UP Cabinet Decision : उत्तर प्रदेश में एमएसएमई एक्ट मंजूर, 72 घंटे में मिलेगी उद्योग की स्वीकृति

उद्यमियों को ईज ऑफ डूइंग का अहसास कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने यूपी एमएसएमई एक्ट को मंजूरी दे है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 08:34 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 09:29 AM (IST)
UP Cabinet Decision : उत्तर प्रदेश में एमएसएमई एक्ट मंजूर, 72 घंटे में मिलेगी उद्योग की स्वीकृति
UP Cabinet Decision : उत्तर प्रदेश में एमएसएमई एक्ट मंजूर, 72 घंटे में मिलेगी उद्योग की स्वीकृति

लखनऊ, जेएनएन। उद्यमियों को ईज ऑफ डूइंग का अहसास कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (अवस्थापना एवं संचालन) अधिनियम को मंजूरी देकर ऐसी व्यवस्था बना दी है कि कोई भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाई लगाने के लिए अब निर्धारित प्रारूप पर प्रपत्र भरकर देने पर ही मात्र 72 घंटे में ही स्वीकृति मिल जाएगी। उसके बाद अगले 900 दिन तक उद्यमी को किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।

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कोरोना संकट के दौर में भी लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संभाले रखा। बीते वर्षों में इसी सेक्टर ने निर्यात को भी तेजी से बढ़ाया। ऐसे में योगी सरकार ने एमएसएमई एक्ट बनाने की जरूरत समझी। एमएसएमई विभाग कई महीनों से यह एक्ट बनाने को लेकर काम कर रहा था। मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस अधिनियम को स्वीकृति दे दी गई।

अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि सरकार के मुताबिक प्रदेश के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए एमएसएमई उद्यमियों की उद्यमशीलता बढ़ाने की जरूरत है। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और संचालन को सुगम बनाने के लिए ही इस अधिनियम के माध्यम से अनापत्ति प्रमाण पत्रों और निरीक्षणों से छूट दी गई है। यह अधिनियम अधिसूचना जारी होने की तिथि से लागू होगा। डॉ. सहगल ने बताया कि एमएसएमई के माध्यम से प्रदेश में सबसे अधिक रोजगार सृजित हो रहे हैं। इस अधिनियम को लागू कर अगले एक वर्ष में 15 लाख नए रोजगार के अवसर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

नहीं लेनी होगी 29 विभागों से 80 एनओसी : किसी भी औद्योगिक इकाई की स्थापना में सरकारी औपचारिकताएं इतनी थीं कि उद्यमी विभागों के चक्कर काटते रहते थे। एक उद्योग लगाने के लिए 29 विभागों से कुल 80 अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने होते हैं। एनओसी तो अब भी लेनी होगी, लेकिन उन्हें पूरे 900 दिन का वक्त मिलेगा। 72 घंटे में उद्योग स्थापना की स्वीकृति मिलने के बाद उद्योग लगाएं, संचालन शुरू करें और फिर निवेश मित्र पोर्टल के जरिए धीरे-धीरे एनओसी की औपचारिकताएं पूरी करते रहें। अनुमति देने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। वहीं, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग की अध्यक्षता में उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय राज्यस्तरीय नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा।

फैसिलिटेशन काउंसिल में जारी होगा वसूली प्रमाण पत्र : अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि एमएसएमई इकाइयों को अपना भुगतान प्राप्त करने में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। निजी इकाइयों और एमएसएमई के बीच के मामले सुलझाने के लिए फैसिलिटेशन काउंसिल का प्रविधान है। चूंकि काउंसिल के निर्णयों का पालन कराने में परेशानी आ रही है, इसलिए ऐसे मामलों में अब काउंसिल द्वारा वसूली प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा।

इन उद्योगों पर लागू नहीं होगा अधिनियम : तंबाकू उत्पाद, गुटखा, पान मसाला, अल्कोहल, वातयुक्त पेय पदार्थ, कार्बोनेटेड उत्पाद, पटाखों का निर्माण, 40 माइक्रोन से कम या समय-समय सरकार द्वारा निर्दिष्ट मोटाई से कम के प्लास्टिक कैरी बैग, उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिन्हित लाल श्रेणी की इकाइयां।


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