Move to Jagran APP

UP Cabinet Decision : एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए कंसल्टेंट चयन की शर्तों को यूपी कैबिनेट की मंजूरी

यूपी की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने के उद्देश्य से योगी सरकार ने कंसल्टेंट चयन के लिए आरएफपी को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 01:38 AM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 02:33 AM (IST)
UP Cabinet Decision : एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए कंसल्टेंट चयन की शर्तों को यूपी कैबिनेट की मंजूरी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन (10 खरब) डॉलर का आकार देने के उद्देश्य से योगी सरकार ने कंसल्टेंट चयन के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल (आरएफपी) को शुक्रवार देर रात कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है।  इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पांच गुना बनाने का दुरूह कार्य करना होगा।

loksabha election banner

वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार तकरीबन 16 लाख करोड़ रुपये था। उत्तर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत और देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी आठ फीसद है। पांच वर्षों में सूबे की अर्थव्यवस्था को पांच गुना आकार देने के लिए आर्थिक वृद्धि दर के साथ निवेश दर को भी तीव्र गति देनी होगी। गौरतलब है कि कंसल्टेंट चयन के लिए नियोजन विभाग ने आरएफपी का ड्राफ्ट तैयार कर उस पर ई-टेंडर के जरिये जून में बिड आमंत्रित किये थे।

बीती 29 जून को हुई प्री-बिड कांफ्रेंस में भाग लेने वाले कई कंसल्टेंट्स ने आरएफपी की शर्तों को अव्यावहारिक बताते हुए उनमें संशोधन का सुझाव दिया था। इसके बाद नये सिरे से आरएफपी तैयार किया गया, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसी तरह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम, केंद्र और राज्य सरकार के बीच प्रस्तावित सहमति पत्र (एमओयू) के ड्राफ्ट को भी कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है।

सरस्वती हाईटेक सिटी के लिए ट्रांसफर की गई जमीन पर स्टांप ड्यूटी से छूट : प्रयागराज में विकसित की जा रही सरस्वती हाईटेक सिटी परियोजना के लिए यूपीएसआइडीसी को हस्तांतरित की गई 10 गांवों की 451.38 हेक्टेयर जमीन के हस्तांतरण विलेख में स्टांप ड्यूटी से छूट दिये जाने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। स्टांप ड्यूटी की धनराशि 28.22 करोड़ रुपये है।

बॉर्डर रोड की पुनरीक्षित लागत को मंजूरी : इंडो नेपाल बॉर्डर मार्ग निर्माण परियोजना के तहत जिला महाराजगंज में निर्माणाधीन खैराघाट झुलनीपुर तथा झुलनीपुर से पतलहवां मार्ग की पुनरीक्षित लागत को वित्तीय और प्रशासकीय स्वीकृति कैबिनेट बाई सर्कुलेशन दी गई है। 

प्रयागराज में भी होगा शिक्षा सेवा अधिकरण का दफ्तर : बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवा से संबंधित विवादों का निस्तारण करने के लिए बनाए जा रहे उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण का दफ्तर अब लखनऊ के साथ प्रयागराज में भी होगा। राज्य विधान मंडल द्वारा पारित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक, 2019 को वापस लेकर अब उसके स्थान पर संशोधन के साथ उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक, 2012 को पारित कराया जाएगा। यह फैसला कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये लिया गया। दरअसल, वकीलों ने सिर्फ लखनऊ में ही यह कार्यालय होने का विरोध किया था। वकीलों के आंदोलन के चलते पूर्व में ही राज्य सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को माना जाएगा और प्रयागराज में भी इसका कार्यालय होगा। फिलहाल पहले पारित विधेयक को वापस लेने के साथ नया विधेयक पास कराने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

आइटीआइ व स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने को मुफ्त जमीन : चंदौली जिले के नौगढ़ स्थित मौजा-सेमरा कुशहीं में स्कूल के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज करीब चार एकड़ जमीन को आइटीआइ व स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को निश्शुल्क देने को मंजूरी दी गई।

बुंदेलखंड में दो वर्ष में होगा हर घर जल : हर घर जल योजना के तहत जलजीवन मिशन की पाइन लाइन योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के बुंदेलखंड, विंध्य व गुणवत्ता प्रभावित गांवों के कार्यों में अब तेजी लाई जाएगी। प्रथम चरण में बुंदेलखंड, दूसरे चरण में विंध्य क्षेत्र तथा इसके बाद जापानी बुखार ग्रस्त इलाकों तथा फ्लोराइड व आर्सेनिक की कमी वाले गंगा के तटीय क्षेत्रों में घर-घर पानी पहुंचाने के कार्य को दो वर्ष में पूरा किया जाएगा। इसके लिए प्रमुख झांसी, महोबा व बांदा जैसे जिलों को अतिरक्त बजट प्रदान किया जाएगा।

गन्ना विकास परिषद के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आसान : उप्र सहकारी उपभोक्ता संघ व उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक की समितियों पर भाजपा समर्थकों का कब्जा होने के बाद अब गन्ना विकास परिषद की बारी है। गन्ना विकास परिषद के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन गन्ना विकास परिषद के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश गन्ना पूर्ति तथा खरीद विनियमन अधिनियम-1953 में विधायी संशोधन के माध्यम से अधिनियम में धारा-8(ख) जोड़ी है। इसके अलावा गन्ना पूर्ति तथा खरीद विनियमन नियमावली-1954 में नया नियम 11(क) बढ़ाए जाने के कारण नियमावली में संशोधन को हरी झंडी दे दी है।

मत्स्य उत्पादकों को मिलेंगे क्रेडिट कार्ड : मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने और मछुआरों की आय में बढ़ोतरी के लिए भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यान्वयन व प्रस्तावित मार्ग निर्देशक निर्देशों को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। इससे मत्स्य उत्पादकों को किसानों की तरह किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी मिल सकेंगी। साथ ही जिला स्तरीय समितियां भी गठित की जाएगी।

पावर प्लांट के लिए भूमि आवंटित : कानपुर नगर में विधनू निरीक्षण भवन की भूमि घाटमपुर तापीय विद्युत परियोजना के लिए आवंटित कर दी गई है।

आठ नए मेडिकल कॉलेजों के संचालन को सोसाइटी गठित : प्रदेश में आठ जिलों के जिला चिकित्सालय व रेफरेल अस्पतालों को अपग्रेड कर बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए सोसाइटी के गठन को शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार की मदद से यह मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। यह स्वशासी मेडिकल कॉलेज होंगे, जो सोसाइटी के माध्यम से चलाए जाएंगे। जिन आठ जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, उनमें लखीमपुर खीरी, चंदौली, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैय्या, बुलंदशहर, कानपुर देहात और कौशांबी शामिल हैं। सोसाइटी के गठन को मंजूरी मिलने के बाद इन मेडिकल कॉलेजों को स्थापित किए जाने के कार्य में तेजी आएगी। यहां वर्ष 2022 में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के निर्माण पर करीब 325 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें से 60 फीसद रकम केंद्र सरकार व 40 फीसद रकम राज्य सरकार खर्च करेगी।

कैंसर संस्थान में पीजीआइ की दर पर खरीदेंगे दवा : राजधानी में स्थित सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में दवाएं व उपकरण संजय गांधी पीजीआइ में निर्धारित दरों पर ही अनुबंध के आधार पर खरीदे जाएंगे। संस्थान में दवाएं व उपकरण खरीदने के लिए दरें निर्धारित होने के बाद अब इसका संचालन किया जा सकेगा। साथ ही मरीजों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। यहां एक ही छत के नीचे विभिन्न प्रकार के कैंसर का विशेषज्ञ इलाज किया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने दवाएं व उपकरण इत्यादि खरीदने के लिए अंतरिम व्यवस्था करने को मंजूरी दे दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.