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उत्तर प्रदेश विधानमंडल बजट सत्र : विपक्ष का हंगामा, राज्यपाल के अभिभाषण के बाद पहले दिन की कार्यवाही स्थगित

UP Budget Session विपक्ष यहां पर कानूून व्यवस्था महंगाई के साथ किसानों की समस्याओं व कानून व्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की घेराबंदी कर रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:47 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 01:36 PM (IST)
उत्तर प्रदेश विधानमंडल बजट सत्र : विपक्ष का हंगामा, राज्यपाल के अभिभाषण के बाद पहले दिन की कार्यवाही स्थगित
उत्तर प्रदेश विधानमंडल बजट सत्र : विपक्ष का हंगामा, राज्यपाल के अभिभाषण के बाद पहले दिन की कार्यवाही स्थगित

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ के विपक्ष से सहयोग के आग्रह का कोई असर नहीं दिखा। विधानभवन प्रांगण में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के नेताओं के प्रदर्शन के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विरोध तेज हो गया।  बजट सत्र शुरू होते ही विधानसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के भाषण के दौरान विपक्ष ने सीएए-एनआरसी और कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर जोरदार प्रदर्शन किया। 

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विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों  की संयुक्त बैठक के बाद विधान परिषद की कार्यवाही शुरू हुई । सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश सदन की मेज पर रखा गया । समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने संशोधनों पर चर्चा कराने की मांग की और इसे लेकर हंगामा किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई ।

विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू होकर सात मार्च तक चलेगा। इस दौरान 18 फरवरी को दोपहर 12.20 पर उत्तर प्रदेश का बजट पेश किया जाएगा। यह मौजूदा वित्तीय वर्ष का बजट होगा। इस साल का पहला सत्र होने के नाते इसकी शुरुआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रही थीं, इसी दौरान कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ बहुजन समाज पार्टी के नेता भी प्रदर्शन करने लगे। यह सभी लागे प्ले कार्ड लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इससे पहले सदन व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए बुधवार को सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न दलों के नेताओं से सहयोग करने का आग्रह किया। विपक्ष की ओर से जनता के मुद्दों की सुनवाई करने पर जोर दिया गया।

बजट पत्र का पहला दिन उम्मीद के मुताबिक हंगामेदार है। विधान भवन के प्रांगण के बाहर ही समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के विधायक प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सभी विधानसभा भवन में चौधरी चरण सिंह प्रतिमा के सामने महंगाई, सीएए व एनआरसी तथा किसान उत्पीडऩ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। विधानमंडल बजट सत्र का पहला ही दिन हंगामेदार हो गया है। विपक्ष यहां पर कानूून व्यवस्था, महंगाई के साथ किसानों की समस्याओं व कानून व्यवस्था की बदहाली जैसे मुद्दों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की घेराबंदी कर रहा है।

बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के विधायकों विधान भवन में चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए। समाजवादी पार्टी साथ कांग्रेस के दोनों सदनों के सदस्यों ने नागरिकता संशोधन कानून, बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं पर अत्याचार, गन्ना, धान व आलू किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी के सभी विधायक व विधान परिषद सदस्य चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरने पर करीब एक घंटा तक बैठे रहे। विधायकों के हाथ में तख्ती थी, इसके साथ ही वह सभी संविधान बचाओ देश बचाओ के नारे भी लगा रहे थे। 

विधानसभा में समाजवादी पार्टी के नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के अगुआई में होने वाले इस धरने में विधान परिषद में नेता विपक्ष अहमद हसन भी मौजूद रहे। समाजवादी पार्टी के सभी एमएलए और एमएलसी धरने के दौरान मौजूद रहे। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार अभी तक कोई भी अपना काम नहीं शुरू कर पाई है और अखिलेश यादव के जरिए किए गए कामों का ही उद्घाटन हो रहा है। सरकार यह नहीं बता सकती है कि उन्होंने कोई भी 25 फीट ऊंची इमारत ही बना दी हो। अब योगी आदित्यनाथ सरकार आरक्षण से भी छेड़खानी कर रही है। इसके साथ ही दलितों और पिछड़ों के हक को मारने की साजिश बना रही है। सरकार प्राइवेट लिमिटेड लोगो की ही मदद कर रही है और निजीकरण को ही बल दे रही है। आखिर जनता को कब तक गुमराह किया जाएगा।

इससे पहले सदन व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए बुधवार को सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न दलों के नेताओं से सहयोग करने का आग्रह किया। विपक्ष की ओर से जनता के मुद्दों की सुनवाई करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का मंच उपलब्ध कराता है। राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष और सत्ता पक्ष को अपनी बात खुलकर रखने का अवसर प्राप्त होगा। इस सत्र में देश के सबसे बड़े राज्य का बजट प्रस्तुत होगा। बजट पर चर्चा के दौरान प्रत्येक सदस्य को अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर मिलेगा। सरकार हर एक मुद्दे पर सार्थक चर्चा करने को तैयार है।

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित नेे कहा कि विपक्ष अपना पक्ष, कार्यक्रम व सुझाव रख सकता है। उन्होंने दलीय नेताओं से अपना पक्ष सदन में शालीनता से रखने का अनुरोध भी किया। राज्यपाल के अभिभाषण को शांतिपूर्ण तरीके से सुनने की परिपाटी बनाने की अपील की।

बैठक में नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी के स्थान पर उज्ज्वल रमण सिंह, बहुजन समाज पार्टी के लालजी वर्मा और कांग्रेस की दल नेता आराधना मिश्रा 'मोना' के स्थान पर नरेश सैनी व अपना दल एस के नीलरतन पटेल ने बैठक में भाग लिया। विपक्ष ने अपनी बात सुने जाने पर बल दिया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भी दलीय नेताओं से सहयोग करने की अपील की।

बजट 18 फरवरी को 11 बजे पेश होगा

सर्वदलीय नेताओं की बैठक के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि सदन 13 फरवरी से सात मार्च तक चलेगा। पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 11 बजे दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण करेंगी। 14, 17, 18 व 19 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा होगी। 18 फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया जाएगा। इस दिन नियम-56 के मामले नहीं लिए जायेंगे। 20 फरवरी से बजट पर चर्चा प्रारंभ होगी। 24, 25, 26, 27 को आम चर्चा होगी। इसके बाद 28 फरवरी से सात मार्च तक विभिन्न विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद बजट पारित किया जाएगा। 14 फरवरी को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी।

बजट 18 फरवरी को पेश किया जाना है। इस बार बजट का आकार करीब पांच से सवा पांच लाख करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है। बजट में इस बार अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर अधिक धनराशि दिए जाने के संकेत हैं। इसके अलावा पिछड़े हिस्से पूर्वांचल और बुंदेलखंड में सड़क, बिजली, पानी तथा अन्य जरूरतों के लिए विशेष पैकेज के तहत बड़ी धनराशि दी जा सकती है। प्रदेश सरकार ने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन तीन सालों का लेखा जोखा विभाग तैयार कर रहे हैं। प्रदेश की जनता की अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए 2020-21 के नए बजट में अधिक ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। बताया जाता है कि बजट जनता की सुविधाओं और सेवाओं के करीब रहेगा। प्राथमिक शिक्षा में सुधार तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर अधिक जोर इस बार के बजट में दिया जा रहा है।

पूर्वांचल व बुंदेलखंड के लिए मिलेगी ज्यादा रकम

पूर्वांचल और बुंदेलखंड के पिछड़नेपन को दूर करने का इंतजाम भी बजट में किया जा रहा है। बताया जाता है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार इन दोनों क्षेत्रों को विशेष पैकेज के तहत अधिक धनराशि दिए जाने की तैयारी है। चालू बजट में पूर्वांचल को 300 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि बुंदेलखंड के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस बार यह राशि बढ़ने की उम्मीद है।

पर्यटन विकास पर दिखेगा फोकस

बजट के माध्यम से प्रदेश सरकार ने वाराणसी, मथुरा और अयोध्या के लिए नई योजनाएं शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं। इन तीनों पर्यटन व धार्मिक शहरों के विकास के लिए नये पैकेज दिए जा सकते हैं।

विरोध करेंगे लेकिन कागज के गोले नहीं फेंकेंगे सपाई

बजट सत्र मेंं राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य विरोध प्रदर्शन तो करेंगे, लेकिन कागज के गोले नहीं फेंकेंगे। सपा विधायकों को यह हिदायत बुधवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित विधानमंडल दल की बैठक में दी गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अनुपस्थिति में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को राजनीतिक बदलाव का शुभ संकेत बताया गया। वक्ताओं ने वर्ष 2022 में सत्ता में वापसी होने की उम्मीद जताते हुए विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा। बजट सत्र में सरकार के खिलाफ जनता के मुद्दों को लेकर हमलावर बने रहने का निर्णय लिया गया लेकिन सावधानी बरतने के निर्देश भी दिये गए। विधायकों को ताकीद की गई कि राज्यपाल महिला हैं, इसलिए अभिभाषण के दौरान मर्यादित तरीके से विरोध किया जाए। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जैसे मसलों पर विरोध प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई, किसानों का बकाया गन्ना मूल्य, कानून व्यवस्था की बदहाली, महिला उत्पीडऩ, मंहगाई आदि मुद्दों पर विपक्ष के तेवर आक्रामक होंगे।


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